PUBG BAN: नुसरत जहां ने साधा पीएम मोदी पर निशाना, कहा- अब ना पबजी में रिवाइवल होगा ना इकोनॉमी में
भारत सरकार ने बुधवार को 118 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया था. इन्हें संप्रभुता, अखंडता और रक्षा के लिए खतरनाक मानते हुए इन पर पाबंदी लगायी गयी है.
नई दिल्ली: भारत सरकार ने लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी सहित 118 अन्य मोबाइल ऐप पर बुधवार को बैन लगा दिया. इन्हें संप्रभुता, अखंडता और रक्षा के लिए खतरनाक मानते हुए इन पर पाबंदी लगायी गयी है. टीएमसी सांसद और एक्ट्रेस नुसरत जहां ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है.
नुसरत जहां ने पीएम मोदी पर टैग करते हुए ट्वीट किया, ''मोदी बाबू GDP बेक़ाबू ! अब ना पबजी में रीवाईवल होगा ना ईकोनॉमी में. अब हम क्या करें?''
Ab na PUBG mein revival hoga na economy mein. Shri @narendramodi ji ab hum kya karein?#ModiBabuGDPBekabu मोदी बाबू GDP बेक़ाबू !
अब ना पब्ज़ी में रीवाईवल होगा ना ईकोनोमी में। श्री @narendramodi जी अब हम क्या करें? — Nusrat (@nusratchirps) September 3, 2020
यह पहली बार नहीं है कि नुसरत ने किसी मुद्दे पर अपनी राय रखी हो. नुसरत अक्सर अलग अलग मुद्दों पर अपनी राय रखती हैं और उनके बयान सुर्खियों में भी रहते हैं. इससे पहले नुसरत ने टिक टॉक के बैन होने पर अपनी राय रखी थी. नुसरत ने टिक टॉक बैन के फैसले पर नाखुशी जाहिर की थी.
बंगाल की मशहूर एक्ट्रेस नुसरत जहां पश्चिम बंगाल के बशीरहाट सीट से सांसद हैं. उन्होंने टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भारी मतों से जीत हासिल की थी.
बैन पर क्या कहना है सरकार का? एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रतिबंधित ऐप में बायदू, बायदू एक्सप्रेस एडिशन, टेनसेंट वॉचलिस्ट, फेसयू, वीचैट रीडिंग और टेनसेंट वेयुन के अलावा पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि ये सभी प्रतिबंधित ऐप चीन से जुड़ी कंपनियों के हैं. सरकार ने इससे पहले टिकटॉक और यूसी ब्राउजर समेत चीन के कई अन्य ऐप पर प्रतिबंध लगाया था.
बयान में कहा गया, ‘‘सरकार ने 118 ऐसे ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरा हैं.’’
इसमें कहा गया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों में एंड्रॉयड व आईओएस जैसे प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ मोबाइल ऐप के उपयोक्ताओं (यूजरों) का डेटा चुराकर देश से बाहर के सर्वरों पर भंडारित किये जाने की रिपोर्ट भी शामिल हैं.
बयान में कहा गया, ‘‘इन सूचनाओं का संकलन, इनका विश्लेषण आदि ऐसे तत्व कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा के लिये खतरा हैं. यह अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर जोखिम उत्पन्न करता है. यह बेहद गंभीर मसला है, जिसके लिये त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता थी.’’
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