Tamil Nadu News: मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद पनीरसेल्वम ने की एकता की मांग, ई पलानीस्वामी को बताया अपना 'भाई'
Tamil Nadu : ओ पनीरसेल्वम ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) गुटों से एकता बनाए रखने की मांग की है. साथ ही उन्होंने पलानीस्वामी से मेल-मिलाप की भी अपील की.
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O Panneerselvam : मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) के फैसले के बाद अब ओ पनीरसेल्वम ने अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) गुटों से एकता बनाए रखने की मांग की है. उनका यह बयान ई पलानीस्वामी को कोर्ट से बड़ा झटका लगने के बाद आया है. उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक का दोहरा नेतृत्व, जिसे कोर्ट ने बुधवार को बहाल किया, उसे जारी रहना चाहिए.
दरअसल, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी को मद्रास हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा था. बीते दिन यानी 18 अगस्त को कोर्ट ने पलानीस्वामी की AIADMK के महासचिव के तौर पर नियुक्ति को अयोग्य ठहराया था. इसे लेकर पार्टी के नेता ओ पनीरसेल्वम ने ही हाईकोर्ट का रुख किया था और आज उन्होंने पलानीस्वामी को अपने प्रिय भाई के रूप में संबोधित किया.
एकता चाहते हैं अन्नाद्रमुक के करोड़ों कार्यकर्ता
पनीरसेल्वम, जिन्हें ओपीएस के नाम से जाना जाता है उन्होंने पलानीस्वामी से मेल-मिलाप की अपील की. अदालत के आदेश के खिलाफ ईपीएस गुट की अपील के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक के 1.5 करोड़ कार्यकर्ता एकता चाहते हैं.
तमिलनाडु में फिर से शासन करने के लिए एकजुटता जरूरी
उन्होंने कहा कि "ईपीएस ने मुख्यमंत्री के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया और मैंने हमेशा उनका समर्थन किया है. हमने साथ में अच्छा काम किया और ऐसा फिर से होना चाहिए. उन्होंने कहा कि दो लोगों के नेतृत्व में कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि मतभेद रहे हैं लेकिन पार्टी को तमिलनाडु में फिर से शासन करने के लिए एकजुट होना होगा.
बता दें कि, सामान्य परिषद ने जुलाई में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद दिसंबर 2016 में ओपीएस और ईपीएस के समन्वयक और संयुक्त समन्वयक के पदों को समाप्त कर दिया, जिसमें फैसले लेने में कठिनाई और कैडरों के बीच असंतोष का हवाला दिया गया था.
तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं ओपीएस
वहीं, ओपीएस ने तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में काम किया, जब जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले का सामना करने के कारण पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्हें 2016 में तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था, जब जयललिता का निधन हो गया था. जयललिता की सहयोगी वीके शशिकला ने कुछ समय के लिए पार्टी की कमान संभाली और इसके बाद उनकी जगह ईपीएस को दी गई.
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