नई दिल्ली: लोकसभा में सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया. सभी विपक्षी दलों ने इस सुर में इसका समर्थन किया. बिल पेश करने के बाद सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा, ''‘मैंने गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि यह विधेयक इसी सत्र में पारित होना चाहिए. मैं उन सभी राजनीतिक दलों, जिन्होंने संसद में गतिरोध कायम किया है, से आग्रह करूंगा कि वह ओबीसी कल्याण के लिए इसका समर्थन करें और सर्वसम्मति से पारित करें.’’


इस विधेयक में क्या है और क्यों इस पर सभी विपक्षी दलों की तुरंत सहमति भी बन गई?
इस विधेयक से राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों को OBC लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिलेगा. इसी साल 5 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर पुर्नविचार की याचिका पर सुनवाई करने की मांग खारिज कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 102वें संविधान संशोधन के बाद OBC लिस्ट जारी करने का अधिकार केवल केंद्र के पास है. केंद्र और राज्य सरकारों ने इस पर आपत्ति जाहिर की थी.


इसी के बाद अब केंद्र सरकार संविधान संशोधन बिल लाकर इसे कानूनी रूप देना चाहती है. हालांकि इस बिल को सभी विपक्षी दलों का समर्थन हासिल है लेकिन कांग्रेस ने इसको लेकर भी सरकार पर निशाना साधा वहीं सरकार ने पलटवार किया.


कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सभी विपक्षी दलों ने बैठक की और निर्णय लिया कि उक्त विधेयक पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण से संबंधित इस विधेयक को पारित कराना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम विपक्ष की जिम्मेदारी समझते हैं. सभी विपक्षी दलों ने फैसला किया कि इस पर चर्चा कराके पारित कराया जाना चाहिए. इस विधेयक के साथ देश के पिछड़े वर्ग का संबंध है.’’


वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने पिछले महीने राज्य सभा में कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर कानूनी विशेषज्ञों और विधि मंत्रालय से विचार-विमर्श कर रही है और ओबीसी सूची का निर्धारण करने के राज्यों के अधिकारों की सुरक्षा के रास्ते तलाश रही है. मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का विरोध राजनीतिक है. उन्होंने विधेयक के संबंध में कहा कि विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री भी लगातार इसे लाने की मांग कर रहे हैं.


बिल लोकसभा में पास हो गया है और चूंकि विपक्ष पक्ष में है इसलिए राज्यसभा से भी इसे पास होने में कोई दिक्कत नहीं होगी. लेकिन बिल पास हो जाने के बाद कैसे सियासत होगी ये समझना भी जरुरी है.


कानून बनने के बाद महाराष्ट्र में मराठा, गुजरात में पटेल, हरियाणा में जाट समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को OBC वर्ग में शामिल करने का मौका मिल सकता है. मतलब आने वाले दिनों में कई राज्यों में सियासत की सुई OBC कल्याण और सूची के इर्द गिर्द ही घूमेगी.


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