Panchayat Election: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से 1 हफ्ते में चुनाव की अधिसूचना जारी करने को कहा है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि आरक्षण देते समय 50 फीसदी की सीमा पार न की जाए. मध्य प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है. आयोग ने जानकारी दी थी कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय अध्ययन किया जा चुका है.
लंबित निकाय चुनावों पर सुप्रीम कोर्ट था नाराज
इससे पहले 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने 2 साल से भी अधिक समय से मध्य प्रदेश में पंचायत और शहरी निकाय की लगभग 23600 सीटों के खाली होने पर नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने इन सीटों पर चुनाव तुरंत करवाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि जिन निकायों के चुनाव लंबित हैं, राज्य चुनाव आयोग 2 हफ्ते में उनके चुनाव की अधिसूचना जारी करे. कोर्ट ने साफ किया था कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता. कोर्ट ने यह भी कहा था कि सीटों के नए सिरे से परिसीमन को आधार बना कर चुनाव को नहीं टाला जा सकता.
सरकार ने दोबारा सुनवाई के लिए दी थी अर्जी
मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर मामले की दोबारा सुनवाई हुई. इस दौरान ये रिपोर्ट कोर्ट में रखी गई कि पिछड़ेपन, आरक्षण की ज़रूरत और आरक्षण के असर के अध्ययन की शर्त को पूरा कर लिया गया है. सीटों के परिसीमन का काम भी पूरा हो गया है. जस्टिस एएम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसे स्वीकार करते हुए पंचायत और शहरी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को मंजूरी दे दी.
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