मुंबईः महाराष्ट्र में स्थानिक निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द किए जाने के खिलाफ बीजेपी आक्रमक नजर आ रही है 26 जून को पूरे राज्य में बीजेपी चक्काजाम आंदोलन करेगी गुरुवार को मुम्बई मे हुई बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने भी दो टूक कहा है कि अगर प्रस्तावित पांच जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव आगे नहीं धकेले गए तो बीजेपी हर सीट पर केवल ओबीसी चेहरा ही मैदान में उतारेगी. गौतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिये आरक्षण पर गौर करने के बाद आदेश दिया था कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों में आरक्षण कुल सीटों के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता.


फडनविस का आरोप


महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक मजबूत तर्क देने में विफल रही है, जिसके चलते ओबीसी के लिए राजनीतिक आरक्षण को रद्द कर दिया गया है. फडणवीस ने कहा कि 'राज्य सरकार को एक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करना चाहिए और ओबीसी आरक्षण के लिए डेटा जमा करना चाहिए. फडनविस ने कहा कि अगर हमारी मदत की जरूरत सरकार को हो तो वे करने के लिए तैयार है. लेकिन शायद इस सरकार का ओबीसी को आरक्षण देने का कोई इरादा नहीं था.


क्या है पूरा मामला


जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के जिला परिषद कानून का आर्टिकल 12 को रद्द कर दिया था. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण तय कि गए हों, लेकिन फिर भी आरक्षण 50 फीसदी से अधिक नहीं दिया जा सकता है.


सर्वोच्च अदालत ने यह भी स्पष्ट आदेश दिया था कि ओबीसी को 27% से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता. इस संवैधानिक सीमा का पालन करते हुए जिला परिषद में चुनाव करवाए जाएं. आरक्षण को रद्द करने के सुप्रीम फैसले के बाद महाराष्ट्र ने पुनर्विचार याचिका कोर्ट में दायर की लेकिन कोर्ट ने उसे भी रद्द कर दिया है.


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