नई दिल्लीः दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज सेंट स्टीफन के एडमिशन पैनल में इंटरव्यू के लिए चर्च के पादरी को शामिल किया जाएगा. कॉलेज के इस फैसले के बाद विरोध का दौर शुरू हो गया है. छात्र संगठनों के साथ-साथ कई शिक्षक और शिक्षक संघों ने भी इसका विरोध किया. इस पैनल में कुछ 6 सदस्य होते हैं.
कॉलेज के फैसले का विरोध करने पर प्रिंसिपल ने तीन शिक्षकों को नोटिस जारी कर दिया है. प्रोफेसर नंदिता नारायण, एनपी एशले और अभिषेक सिंह के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है. तीनों ने फैसले के खिलाफ मीटिंग के दौरान सवाल उठाए थे.
छात्र यूनियन और शिक्षक संघ ने कहा है कि कॉलेज को यह फैसला वापस लेना चाहिए. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने एक बयान में इस मुद्दे पर अपने कमेटी के तीन सदस्यों को नोटिस भेजने के संस्थान के फैसले की भी आलोचना की.
डूटा ने कहा कि कमेटी का यह कदम यूनिवर्सिटी के विचार से भी उलट है. आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यह फैसला वापस नहीं लेने पर छात्र समुदाय को एकजुट करने की धमकी दी.
एबीवीपी ने कहा कि इंटरव्यू पैनल के हाइयर काउंसिल में एक सदस्य को शामिल करने का फैसला मनमाना और निंदनीय है. यह विश्वविद्यालय के धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना को कमजोर करेगा. यह न केवल कॉलेज के संविधान के खिलाफ है, बल्कि भारत के संविधान में निर्धारित सिद्धांतों के भी खिलाफ है.
सीपीएम की छात्र इकाई स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी इस फैसले का विरोध किया है.
Assam HSLC Result 2019: 10वीं के नतीजे घोषित, मेघाश्री बोरा ने किया टॉप, ऐसे देखें अपना रिजल्ट