कोरोना काल मे जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग एक संजीवनी है, उसी तरह से इसे बरकरार रखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई हर किसी के लिए आवश्यक है. छोटे बच्चों से लेकर कॉलेज के बच्चों की पढ़ाई और ऑफिस की बोर्ड मीटिंग से लेकर छोटी-छोटी मीटिंग भी इस कोरोना काल में ऑनलाइन ही होने लगी है. पर अगर आप का बच्चा ऑनलाइन क्लास अटेंड करता है और इंटरनेट पर ज्यादा समय बीताता है तो जरूरत है सावधान रहने की. मुम्बई पुलिस के सामने ऐसे कुछ मामले आये हैं, जिसमें ऑनलाइन क्लास के दौरान कुछ लोग अश्लील हरकत करते पाए गए.


क्लास के दौरान कैमरे के सामने अश्लील हरकत


इनमें से पहला मामला मुंबई के साकीनाका पुलिस के सामने आया. यहां ऑनलाइन बैजूस क्लास में एक लड़का कैमरे के सामने खड़े होकर अश्लील हरकत करने लगा. जोन 10 के डीसीपी डॉक्टर महेश्वर रेड्डी ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली थी कि बैजूस कंपनी की व्हाइट हैट जूनियर वेबसाइट पर चल रही कोचिंग क्लास के दौरान एक लड़का अपनी पैंट की जीप खोलकर कैमरे के सामने अश्लील हरकत करने लगा.


शिकायत मिलते ही साकीनाका पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (अ)(3), 354(डी) और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया था. टेक्निकल एनालिसिस के बाद पुलिस को एक मोबाइल नंबर मिला था, जिसकी लोकेशन पता लगाई तो पर पता चला यह नंबर राजस्थान के जैसलमेर से इस्तेमाल किया गया था. जिसके बाद पुलिस की एक टीम वहां पहुची और पता चला कि इस हरकत के पीछे एक 14 साल का 9वीं क्लास में पढ़ने वाला लड़का है.


उसे पूछने पर उसने पुलिस को बताया कि "उसने यह हरकत बस ऐसे ही किया", लड़के ने लॉगिन के लिए गलत ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर का भी इस्तेमाल किया था ताकि उसे कोई पकड़ ना सके. लड़का नाबालिग होने की वजह से उसे जुविनाइल जस्टिस कोर्ट में पेश किया गया और फिर कोर्ट के आदेश के बाद उसे उसके परिवार को हैंडओवर कर दिया गया.


ऑनलाइन लेक्चर के दौरान अश्लील वीडियो प्ले


वही दूसरा, मामला मुम्बई के विलेपार्ले इलाके में स्थित प्रसिद्ध कॉलेज का है. जुहू पुलिस ने बताया कि इस कॉलेज की एक क्लास का ऑनलाइन लेक्चर चल रहा था तभी किसी ने लेक्चर के बीच मे पोर्न वीडियो प्ले कर दिया, जिसके बाद लेक्चरर की शिकायत पर जुहू पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.


वही सायबर एक्सपर्ट और क्राइम इन्वेस्टिगेशन में एक्सपर्ट स्मिथ गोंसाल्विस ने बताया कि ऐसे बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं, और इसे रोकने की ज़रूरत है. इससे ज्यादा जरूरत है अगर आप इसके शिकार होते हैं तो तुरंत शिकायत करें ताकि इसके पीछे के लोगों पर करवाई हो सके. इसके अलावा सबसे जरूरी यह भी है कि हम जिस भी माध्यम जैसे कि गूगल मिट, जूम का इस्तेमाल मीटिंग या लेक्चर के लिए करते हैं उसका प्रीमियम खरीदकर लेना चाहिए ना कि उसका मुफ्त वाला वर्जन इस्तेमाल करे.


उन्होंने कहा कि प्रीमियम में खास बात यह होती है कि होस्ट के पास कई सारी ऑप्शन आ जाते हैं, जिसमें वो किसी को क्या अधिकार देने हैं, जैसे कि कौन-कौन वीडियो शेयर, या कौन कौन स्क्रीन शेयर कर सकता है, इससे ऐसे अश्लील वीडियो बीच लेक्चर या मीटिंग में प्ले कर पाना मुश्किल हो जाएगा.


डॉक्टर आर श्रीवरामनागे ((Dr. (Mrs) R. Srivaramangai)) मुंबई यूनिवर्सिटी की इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हेड ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम काफी सरल माध्यम है. आज के कोविडकाल में पढ़ाई के लिए ऐसे में इसका गलत इस्तेमाल ना हो इसके लिए अवेयरनेस करना काफी ज़रूरी है. इसमें इम्परसोनेशन की बात भी सामने आती है. ऐसे में वेरिफिकेशन का एक माध्यम इसमें होना चाहिए ताकि अधिकृत लोग ही जुड़े और पता चल सके किसने क्या किया है.


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