एबीपी न्यूज़ की पड़ताल: पिछले तीन हफ़्तों से स्पेशल ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी घटी, यात्रियों में डर बरकरार
इस वक़्त देश भर में चल रही 230 ट्रेनों में सबसे अधिक 116 ट्रेनें उत्तर रेलवे के अंतर्गत आती हैं. उत्तर रेलवे के अनुसार ऐसी भी दर्जनों ट्रेनें हैं जो फुल ऑक्यूपेंसी में चल रही हैं लेकिन नई स्पेशल ट्रेनों के चलने की गुंजाइश फ़िलहाल नहीं है.
नई दिल्ली: भारतीय रेल देश के विकास की धुरी है. करोना संकट के इन क़रीब पांच महीनों से देश में सिर्फ़ 230 स्पेशल यात्री ट्रेनें ही चल रही हैं. नई स्पेशल ट्रेनों के चलने की उम्मीद देश के माहौल में आए बदलाव से जुड़ी हुई है. लेकिन फ़िलहाल ये उम्मीद जल्द पूरी होती नहीं दिख रही. एबीपी न्यूज़ की टीम ने मंगलवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का दौरा कर स्पेशल ट्रेनों में सफ़र कर रहे यात्रियों से मुलाक़ात की और रेलवे अधिकारियों से बात कर स्पेशल ट्रेनों में आई ऑक्यूपेंसी की कमी को समझने की कोशिश की.
स्पेशल ट्रेनों में उम्मीद से कम हैं यात्री
कोरोना संकट के कारण देश में सिर्फ़ 115 जोड़ी ट्रेनें ही चल रही हैं बावजूद इसके पिछले तीन हफ़्तों से इनमें भी क़रीब चालीस प्रतिशत ट्रेनें 8% से 50% ऑक्यूपेंसी के साथ ही चल रही हैं.
सामान्य दिनों की तुलना में सिर्फ़ 2% ट्रेनें ही चल रही हैं
लॉकडाउन की घोषणा से पहले देश में 12000 ट्रेनें चल रही थीं लेकिन अब सिर्फ़ 230 ट्रेनें ही चल रही हैं. यानी 115 डेस्टिनेशन के लिए आने और जाने की मिलाकर कुल 230 ट्रेनें. बावजूद इसके मुंबई और पटना को जाने और आने वाली ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी में भी भारी कमी देखी जा रही है.
नई स्पेशल ट्रेनों के जल्द शुरू होने की कोई उम्मीद नहीं
अधिकांश यात्रियों का कहना है कि अभी माहौल ठीक नहीं हुआ है और वो मजबूरी में ही सफ़र कर रहे हैं. इसका एक संकेत ये भी है कि अभी रेगुलर ट्रेनें तो दूर की बात है, नई स्पेशल ट्रेनों के जल्द शुरू होने की उम्मीद भी कम ही है.
आज बुधवार 19 अगस्त की ट्रेन ऑक्यूपेंसी
अगर सिर्फ़ आज यानी बुधवार 19 अगस्त की ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी को ही देखें तो- 02060 निज़ामुद्दीन-कोटा स्पेशल ट्रेन की ऑक्यूपेंसी 10% है 02066 दिल्ली सराय रोहिल्ला- अजमेर जंक्शन स्पेशल ट्रेन की ऑक्यूपेंसी 14% है 02091 देहरादून-काठगोदाम 13% 02310 नई दिल्ली - पटना 13% 02452 नई दिल्ली- कानपुर 11% 02963 निज़ामुद्दीन-पंश्चिम बर्दमान 17% 02054 अमृतसर- हावड़ा स्पेशल ट्रेन की ऑक्यूपेंसी 21% है इसी तरह अगर आगे की ऑक्यूपेंसी देखें तो उदाहरण के लिए 23 अगस्त को उत्तर रेलवे की 70 में से 31 स्पेशल ट्रेनों में ऑक्यूपेंसी 4% से 50% तक ही सीमित है.
क्या कह रहे हैं रेल यात्री
हालाँकि कम चल रही ट्रेनों के बीच एबीपी न्यूज़ की टीम को कुछ लोग ऐसे भी मिले जिनके लिए ट्रेनों का चलना कितना ज़रूरी है ये उनकी मायूसी से पता चल रहा था. उन्ही में एक शौक़त अली ने कहा, “ट्रेन चल रही है हमें कोई दिक्कत नहीं है जैसे भी हो ट्रेन चलती रहे बंद हो जाएगी तो क्या करेंगे.”
उत्तर रेलवे जताई ऑक्यूपेंसी ट्रेंड ठीक होने की उम्मीद उत्तर रेलवे के मुख्य सूचना अधिकारी दीपक कुमार ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि उत्तर रेलवे की अधिकांश ट्रेनें या तो फ़ुल स्ट्रेंक्थ में जा रही हैं या फिर 70% के आस-पास हैं. कुछ एक ट्रेनें ज़रूर 8% और 9% ऑक्यूपेंसी के साथ चल रही हैं लेकिन ये ट्रेंड पिछले हफ़्तों का है. अब ये ट्रेंड ठीक हो रहा है.
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