नई दिल्ली: दिल्ली सरकार सोमवार से राजधानी में 12 दिन तक वाहनों को ऑड-ईवन के आधार पर चलाने की योजना के लिए तैयार है और इसके लिए 2000 अतिरिक्त बसें लगाई गयी हैं. यात्रियों की सुविधा के लिए मेट्रो भी 61 अतिरिक्त फेरे लगाएगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ऑड-ईवन योजना के तहत किसी को असुविधा नहीं हो.
सरकार के अनुसार ओला, उबर जैसी कैब कंपनियों को परामर्श जारी किये गये हैं कि योजना के दौरान दामों में इजाफा नहीं किया जाए. ऑटो और ई-रिक्शा चालकों से भी अतिरिक्त किराया नहीं वसूलने को कहा गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि इस योजना के दौरान स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाले वाहनों को लेकर थोड़ी भ्रम की स्थिति है. हालांकि विश्वास के आधार पर ऐसे वाहनों को चलने की इजाजत होगी. ऐसा ही रोगियों को लेकर जा रहे वाहनों के मामले में होगा.
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स्कूली बच्चों के वाहनों के मुद्दे के अलावा विशेषज्ञों और कुछ दिल्ली वासियों ने सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की खराब हालत, सीएनजी वाहनों पर प्रतिबंध तथा दो पहिया वाहनों को दी गयी छूट को लेकर सरकार की आलोचना की.
केजरीवाल ने योजना की अधिसूचना जारी करने के दौरान संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘स्कूली बच्चों के वाहनों को लेकर थोड़ी भ्रम की स्थिति है. स्कूल सुबह 8 बजे से पहले खुलते हैं और हमारा मानना है कि अभिभावक सुबह आठ बजे से पहले लौट सकते हैं. अगर वे बच्चों को लेने दोपहर में जाते हैं तो हम उन्हें विश्वास के आधार पर अनुमति देंगे. ऐसा ही रोगियों को लेकर जा रहे वाहनों के मामले में होगा.’’
हालांकि कुछ अभिभावकों ने विश्वास आधारित व्यवस्था को लेकर आशंका जताई. एक महिला ने इस संबंध में कहा कि इस मामले में अधिक स्पष्टता होनी चाहिए. यातायात पुलिसकर्मी को कैसे पता चलेगा कि आप अभिभावक हैं और बच्चे को स्कूल छोड़कर लौट रहे हैं.
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