ओडिशा: DGP बोले- पुरी की यात्रा ना करें, किसी को नहीं है दर्शन करने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप रथयात्रा निकाली गई. जिसके बाद पुलिस ने बुधवार को लोगों से इस धार्मिक नगरी में नहीं आने का अनुरोध किया है. दिशानिर्देशों के अनुसार श्रद्धालुओं को देवी-देवताओं के दर्शनों की अनुमति नहीं है.
भुवनेश्वर: ओडिशा के पुरी में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथयात्रा निकली. जिसके एक दिन बाद पुलिस ने बुधवार को लोगों से इस धार्मिक नगरी में नहीं आने का अनुरोध किया है क्योंकि श्रद्धालुओं को देवी-देवताओं के दर्शनों की अनुमति नहीं है.
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभय ने कहा कि पुरी जिला प्रशासन ने कर्फ्यू जैसी पाबंदियां हटा ली हैं लेकिन कुछ इलाकों में पाबंदियां अब भी लागू हैं. डीजीपी ने ट्वीट किया, ‘‘पुरी के कुछ इलाकों में कर्फ्यू को देखते हुए सभी से आज पुरी जाने से बचने का अनुरोध किया जाता है. एक बार फिर दोहराया जाता है कि श्रद्धालुओं को तीनों देवी-देवताओं के दर्शन की अनुमति नहीं है.’’
However in view of curfew in part of Puri, all are requested to avoid going to Puri today. It is again reiterated that Darshan of Trinity for devotees is NOT allowed. https://t.co/Eu2doyYkPn
— DGP, Odisha (@DGPOdisha) June 24, 2020
जहां रथ रखे गए है वहां पाबंदिया बनी रहेंगी
इस बीच पुरी के आयुक्त बलवंत सिंह ने कहा कि पुरी शहर के कुछ इलाकों को छोड़ कर जिले भर में पाबंदियों में ढील दी गई है. उन्होंने कहा कि श्री गुंडिचा मंदिर के पास जहां रथ रखे गए हैं, उस स्थान पर पाबंदियां जारी रहेंगी. अधिकारियों ने कहा कि पुरी शहर में बदसांखा से मटियापाड़ा बस अड्डे तक के मार्ग में पाबंदियां जारी रखने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा जिले में कहीं कोई पाबंदी नहीं हैं.
जिले में लोगों और वाहनों के प्रवेश पर 24 जून की दोपहर तक कर्फ्यू जारी है
प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए उत्सव के दौरान जिले में लोगों और वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए 22 जून को रात 9 बजे से 24 जून की दोपहर दो बजे तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया था. पुरी के गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब ने एक संदेश में कहा, ‘‘आम श्रद्धालुओं की अनुपस्थिति में पुरी की विश्व प्रसिद्ध श्री गुंडिचा यात्रा को ‘श्रीमंदिर सेवकों’ (सेवादारों) की असाधारण ‘सेवा’, कम समय में राज्य सरकार और मंदिर प्रशासन की व्यवस्था और सभी भक्तों के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न किया गया.’’
मुख्य सचिव ए.के त्रिपाठी ने भी सेवादारों को उनकी सेवा के लिए और पुरी की जनता को उनके अनुशासन के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद 12 घंटे में पुरी में रथ यात्रा का आयोजन किया गया.
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