Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर जिले में हुए भीषण ट्रेन हादसे में मारे गए कई लोगों के शव अभी भी अस्पताल में अपनों के इंतजार में हैं. ओडिशा के एम्स भुवनेश्वर (AIIMS Bhubaneswar) के निदेशक डॉ. (प्रोफेसर) आशुतोष विश्वास ने शनिवार (22 जुलाई) को बताया कि बालासोर ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के 40 से 41 लावारिस शव अभी भी हमारे पास रखे हैं. लोग हमारे पास आ रहे हैं और हम डीएनए (DNA) सैंपल के मिलान के बाद ही शव सौंप रहे हैं.
बीते जून के महीने में हुए इस भयानक ट्रेन हादसे में 293 से अधिक मौतें हुई थीं और 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. ये दुर्घटना पिछले दो दशकों में भारत में सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं में से एक थी. शुक्रवार को ही रेल मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट के निष्कर्षों को जारी करते हुए कारणों का विवरण देते हुए कहा था कि पिछले जून में ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना एक सिग्नल एरर के कारण हुई थी.
ओडिशा ट्रेन हादसे में हुई थी गिरफ्तारी
इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दुर्घटना के संबंध में भारतीय रेलवे के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था. उन पर गैर इरादतन हत्या और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की रिमांड अवधि 15 जुलाई को समाप्त होने के बाद आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को तय की गई है.
बालासोर में हुई थी भीषण दुर्घटना
ये हादसा बीती 2 जून की शाम को ओडिशा के बालासोर जिले में बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास हुआ था. इस दुर्घटना में शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल रही थीं. कोरोमंडल एक्सप्रेस पहले एक मालगाड़ी से टकराई थी जिससे इसके डिब्बे पटरी से उतर गए थे. फिर कोरोमंडल के कुछ डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए थे. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी.
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