Odisha Train Tragedy: बालासोर रेल हादसे की जांच के दायरे में 5 रेलवे कर्मचारी, जानिए इन लोगों पर ही क्यों घूम रही शक की सुई
ओडिशा के दुर्घटना स्थल वाले बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन को सीबीआई ने अपने कब्जे में लेकर सील कर दिया है, उस स्टेशन के सभी उपकरण, लॉग बुक को भी जब्त कर लिया है.
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Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए भीषण रेल हादसे की जांच सीबीआई कर रही है और अब उसकी सुई रेलवे के ही कुल 5 अधिकारियों की तरफ घूम गई है. इन 5 अधिकारियों में से 4 रेलवे के सिग्नलिंग विभाग के कर्मचारी है तो वहीं 1 बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर हैं. विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ट्रेन दुर्घटना की जांच में इन पांच कर्मचारियों से जल्द ही पूछताछ करेगी.
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस पूरे मामले में सहायक स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती और चार रेलकर्मी जांच के दायरे में है, हालांकि उनसे अभी सिर्फ पूछताछ की जा रही है और वह पहले की तरह ही नौकरी करते रहेंगे जबतक की सीबीआई इस जांच में अंतिम स्थिति तक नहीं पहुंच जाते हैं.
क्यों रडार में आए ये लोग?
दरअसल, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन रेल हादसा हुआ था उसी दिन सिग्नलिंग विभाग के इन कर्मचारियों ने वहां पर मरम्मत करने का काम किया था. मरम्मत का काम करने की वजह से ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में कुछ छेड़छाड़ हो गई हो और उस वजह से ऐसा हादसा हुआ हो. यही वजह है कि सीबीआई ने इन 5 कर्मचारियों को अपनी जांच के दायरे में लिया है.
क्या कह रहे हैं जांच अधिकारी?
रेलवे और सीबीआई की जांच में सहयोग कर रहे टेक्निकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बहुत संभव है कि इन कर्मचारियों ने सिग्निलिंग प्रक्रिया में कुछ मरम्मत का काम करने के बाद इसका फिजिकल प्रोटोकॉल टेस्ट नहीं किया हो, जिस वजह से मशीन में ग्लिच बचा रह गया हो और वही ग्लिच इस हादसे की वजह बना हो.
क्यों खतरनाक है इंटरलॉकिंग सिस्टम से छेड़छाड़?
रेलवे का इंटरलॉकिंग सिस्टम रेलवे का तंत्रिका तंत्र है यानी वह सिग्नल, क्रासिंग और पॉइंट्स की एक परस्पर जुड़ी प्रणाली है जो रेलवे के सुचारू प्रशासन में बहुत ही जरूरी है. रेलवे का इंटरलॉकिंग सिस्टम तय करता है कि देश के इतने बड़े रेलवे नेटवर्क में ट्रेनें बिना किसी छेड़छाड़ के चलती रहें.
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