(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Odisha News: 22 जातियों को SEBC सूची में किया गया शामिल, नवीन कैबिनेट ने दी मंजूरी
Naveen Patnaik: ओडिशा की 22 जातियों को राज्य की सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की सूची में शामिल किया गया है. सीएम नवीन पटनायक की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में फैसले पर मुहर लगी.
Odisha Cabinet Decision: ओडिशा में 22 जातियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछले वर्गों (SEBC) की सूची में शामिल किया गया है. शनिवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक ने इसकी मंजूरी दे दी. ओडिशा सरकार ने इसके बारे में जानकारी दी है. बयान में कहा गया है कि "कैबिनेट ने ओडिशा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (OSCBC) अधिनियम, 1993 के प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिससे राज्य सरकार को SEBC की राज्य सूची में ऐसे पिछड़े वर्गों को शामिल करने में सक्षम बनाया जा सके, अगर उक्त पिछड़ा वर्ग ओडिशा राज्य के लिए ओबीसी की केंद्रीय सूची में निर्दिष्ट किया गया है."
बयान में आगे कहा गया है कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 15(4) राज्य को किसी भी सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के नागरिकों की उन्नति के लिए कोई विशेष प्रावधान करने में सक्षम बनाता है.
'शैक्षिक और आर्थिक हितों को देगा बढ़ावा'
इसके अलावा, भारत के संविधान के अनुच्छेद 46 में यह प्रावधान है कि राज्य विशेष देखभाल के साथ कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देगा और सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से उनकी रक्षा करेगा. बयान के मुताबिक राज्य में 22 जातियां अथवा समुदाय ऐसे हैं जिन्हें भारत सरकार ने उनके सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन के संबंध में समय-समय पर विभिन्न अधिसूचनाओं के माध्यम से ओडिशा राज्य के लिए ओबीसी शामिल किया है लेकिन उन्हें अभी तक राज्य की एसईबीसी की सूची में शामिल नहीं किया गया है.
मुख्यधारा में लाने की कोशिश
सरकार का बयान कहता है इन 22 जातियों अथवा समुदायों के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन को देखते हुए, उन्हें ओडिशा राज्य के लिए बनी एसईबीसी की सूची में शामिल करने की आवश्यकता है ताकि सभी सामाजिक कल्याण के उपायों और लाभों का विस्तार किया जा सके जिससे उन्हें समावेशी बनाया जा सके और उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाया जा सके." शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कैबिनेट ने एसईबीसी की राज्य सूची में 22 जातियों और समुदायों को शामिल करने का फैसला किया.
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