नई दिल्ली: नवीन पटनायक बीस साल पहले ओड़िशा के मुख्यमंत्री बने थे. तब से वे इस कुर्सी पर जमे हुए हैं. अंगद की तरह. इसी 5 मार्च को उनके बीस साल हो गए. हर चुनाव में नवीन बाबू और भी मज़बूत बन कर उभरते हैं. लगातार 20 सालों तक मुख्यमंत्री रहे इस नेता के बारे में लोग कम ही जानते हैं.


विवादों से उनका दूर दूर तक रिश्ता नहीं रहा है. वे बहुत कम बोलते हैं. प्रचार प्रसार से दूर भागते हैं. उन्हें उड़िया तक नहीं बोलने आती है. न क़ाहू से दोस्ती, न काहू से बैर के फ़ार्मूले पर चलते हैं. न तो वे केंद्र के पिछलग्गू बने और न ही कभी किसी विपक्षी मोर्चा का हिस्सा. एकला चलो रहे हैं नवीन पटनायक. 73 साल के नवीन बाबू पैचवर्क हैं. वे साधारण कुर्ता पायजामा पहनते हैं. आपने उन्हें कभी सूट बूट में नहीं देखा होगा.


चॉकलेट खाने के शौक़ीन नवीन बाबू राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी हैं. उनके बारे में मशहूर है कि उनकी परछाईं को भी उनके बारे में पता नहीं होता है. अमेरिका से लौटे तो सीधे वाजपेयी सरकार में मंत्री बन गए. फिर अपने पिता बीजू पटनायक के निधन के बाद नई पार्टी बनाई. ओड़िशा में पिछले बीस सालों से उनकी पार्टी बीजेडी की सरकार है. पीएम नरेन्द्र मोदी उन्हें अपना दोस्त मानते हैं.


ओड़िशा के घर घर में जगन्नाथ जी की पूजा होती है. नवीन पटनायक पहली बार सीएम बने, तो एक पत्रकार ने लिखा भगवान के बाद सबसे अधिक मान सम्मान उनका ही है. तब उस पत्रकार की सबने बड़ी निंदा की थी. ये कहा गया कि वो पटनायक की चापलूसी कर रहे हैं. लेकिन बीस साल बाद लगता है कि उस पत्रकार ने जो कहा, सच कहा.


आज नवीन बाबू ओड़िशा के घर घर में जाने जाते हैं, पहचाने जाते हैं. कोई उन्हें भाई समझता है तो कोई दोस्त तो कुछ उनमें अपने अभिभावक की छवि देखते हैं. इसीलिए तो उन्हें बाहरी बताने की कांग्रेस की मुहिम की हवा निकल गई. मोदी लहर भी ओड़िशा जाकर कमजोर हो गई. उड़िया भाषा और संस्कृति को जाने बग़ैर ही नवीन पटनायक ओड़िशा के सबसे पॉपुलर नेता बने हुए हैं.



नवीन पटनायक 2024 तक राज्य के सीएम बने रह सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो वे देश में सबसे अधिक समय तक मुख्य मंत्री रहने वाले नेता बन जायेंगे. ओड़िशा में लोकसभा के साथ ही विधानसभा के भी चुनाव होते हैं. अभी ये रिकार्ड पवन चामलिंग के पास है. वे 24 वर्षों तक सिक्किम के सीएम रहे. ज्योति बसु भी लगातार 23 सालों तक बंगाल के मुख्य मंत्री रहे. साल 2000 में उन्होंने खुद अपनी कुर्सी छोड़ दी थी. लेफ़्ट नेता माणिक सरकार भी त्रिपुरा में बीस सालों तक सीएम रहे. नवीन पटनायक का केस इन सब नेताओं से थोड़ा अलग है. उनकी पार्टी बीजू जनता दल में उनके अलावा कुछ नहीं है. वहीं सर्वेसर्वा हैं.


अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर नवीन पटनायक में ऐसा क्या स्पेशल है ? जो वे लगातार बीस सालों से सत्ता में हैं. न कांग्रेस हिंसा पाई, न ही मोदी लहर उनका कुछ बिगाड़ पाई. इसका सीधा जवाब है नवीन पटनायक की छवि और उनकी परफ़ेक्ट टाइमिंग. 23 सालों की उनकी राजनीति अब तक बेदाग़ रही है. लेकिन उनका ट्रम्प कार्ड रहा है उनकी टाइमिंग. फ़ैसला करने का समय. किस विरोधी को कब निपटाना है. किसे अपना बनाना है ? ऐसा लगता है टाइमिंग के खेल के नवीन बाबू माहिर खिलाड़ी हैं.


भ्रष्टाचार के बहाने अब तक दो दर्जन मंत्रियों को बाहर कर चुके हैं. बीजेपी के साथ मिल कर ओड़िशा में सरकार बनाई. फिर एक दिन अचानक गठबंधन तोड़ दिया. इसी जोड़ने ओर तोड़ने के चाणक्य हैं नवीन बाबू. इसीलिए बीस सालों से वे अपराजेय है. अमित शाह का सपना था ओड़िशा में बीजेपी की सरकार बनाना. लेकिन रास्ते में पटनायक आ गए. ओड़िशा के लोग मज़ाक़ मज़ाक़ में कहते हैं जब तक नवीन बाबू हैं कोई दूसरा सीएम नहीं बन सकता है.