Odisha Crime: मंदिर में अकेली थी विदेशी टूरिस्ट, पुजारी ने किया घिनौना काम, कोर्ट ने 4 हफ्ते में दिया न्याय
Temple Priest Punishment: बीते महीने 19 फरवरी को ओडिशा में एक विदेशी पर्यटक के साथ घिनौनी करतूत करने के मामले में अदालत ने एक पुजारी को सजा सुनाई है.
Odisha Foreign Tourist: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर की एक अदालत ने यहां श्री लिंगराज मंदिर के एक ‘सेवायत’ (पुजारी) को एक विदेशी महिला पर्यटक का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में सोमवार को 18 महीने कैद की सजा सुनाई. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने अपराध होने के बाद चार सप्ताह में फैसला सुनाया.
दोषी कुंदन महापात्रा ने स्वीडन की पर्यटक का 19 फरवरी को उस समय यौन उत्पीड़न किया था, जब वह यहां 11वीं सदी के लिंगराज मंदिर के पास अकेली घूम रही थी. पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और पुजारी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने केवल चार दिन (23 फरवरी) में चार्जशीट दायर की और मुकदमे की सुनवाई 26 फरवरी को शुरू हो गई थी.
असिस्टेंट पब्लिक प्रोसेक्यूटर बिजन बिहारी कर ने कहा, "यह शायद पहली बार है कि ओडिशा की किसी अदालत ने घटना होने के एक महीने के भीतर फैसला सुनाया. यह राज्य को बदनाम करने की कोशिश करने वाले ऐसे बदमाशों के लिए एक निवारक साबित होगा."
क्या है मामला?
दरअसल, स्वीडन की रहने वाली एक महिला ओडिशा के लिंगराज मंदिर के दर्शन करने के लिए पहुंची थी. मंदिर के पुजारी ने 11वीं शताब्दी के मंदिर के बारे में जानकारी देने और पूरा मंदिर दिखाने का आश्वासन दिया. हालांकि, बाद में इस विदेशी लड़की को लिंगराज मंदिर के उत्तरी द्वार के पास एक छोटे से मंदिर में ले गया और पुजारी ने उसका यौन उत्पीड़न किया. इस बीच, मौके से भाग निकली पीड़िता ने बाद में मंदिर के गार्ड और अन्य सेवादारों को इस कुकर्म की जानकारी दी.
घटना के अगले दिन ही आरोपी हुआ गिरफ्तार
शिकायत के आधार पर श्री लिंगराज पुलिस स्टेशन ने तुरंत मामला दर्ज किया और घटना के अगले दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. एफआईआर 19 फरवरी को दर्ज की गई थी जबकि पुलिस ने 23 फरवरी को आरोप पत्र दायर किया था. 26 फरवरी को पीड़िता समेत सात गवाहों के बयान दर्ज करने के साथ सुनवाई शुरू हुई और करीब एक महीने बाद सोमवार को फैसला सुनाया गया.