(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Odisha: EOW ने बीजेडी विधायक सौम्य रंजन पटनायक के खिलाफ दर्ज की FIR, लोन फ्रॉड का है मामला
Loan Fraud Case: बीजेडी के उपाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद EOW ने सौम्य रंजन पटनायक के खिलाफ केस दर्ज किया है. उन पर कर्मचारियों को जबरन लोन दिलाने और उस रकम को हड़पने का आरोप लगा है.
Saumya Ranjan Patnaik Loan Fraud Case: ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 50 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण धोखाधड़ी के आरोप में बीजू जनता दल (BJD) विधायक सौम्य रंजन पटनायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. फिलहाल क्राइम ब्रांच की जांच जारी है.
यह घटनाक्रम उन्हें बीजेडी के उपाध्यक्ष पद से हटाने के कुछ दिनों बाद आया है. पटनायक के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने आईपीसी की धारा 506/467/468/471/420/120-बी के तहत आरोप दर्ज किया है. FIR के मुताबिक उन्होंने बड़ी संख्या में संबाद न्यूज पेपर के कर्मचारियों को धमकी देकर पर्सनल लोन लेने के लिए मजबूर किया था.
कर्मचारियों को नहीं मिली लोन की रकम
इतना ही नहीं कर्मचारियों को लोन की राशि भी नहीं दी गई थी और लोन के रूप में मिली करोड़ों रुपये की राशि को कथित तौर पर भुवनेश्वर स्थित उनकी नियोक्ता कंपनी 'ईस्टर्न मीडिया लिमिटेड' ने इस्तेमाल की थी.
ईओडब्ल्यू की छापेमारी
सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू और कमिश्नरेट पुलिस के 12 अधिकारियों ने भुवनेश्वर में ओडिया न्यूज पेपर संबाद के कार्यालय की तलाशी ली. छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने ऋण मंजूरी से संबंधित कुछ दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया और बैंक खातों की डिटेल चेक की.
पूर्व कर्मचारी ने दर्ज करवाई थी शिकायत
बता दें कि बीते शनिवार न्यूज पेपर के पूर्व कर्मचारी ने सौम्या रंजन, संबाद के एचआर हेड बैजयंती कर और अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके बाद ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर भुवनेश्वर में कंपनी ऑफिस पर छापेमारी की.
संबाद के पब्लिशर से पूछताछ
इससे पहले रविवार को ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच के तहत संबाद के पब्लिशर कमलाकांत महापता से लगभग तीन घंटे तक पूछताछ की थी. ओडिशा पुलिस के एसपी (ईओडब्ल्यू) दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि बैजयंती कर, सौम्यरंजन पट्टनायक और अन्य के खिलाफ मामले में 16 सितंबर 2023 को केस दर्ज किया गया था.
पार्टी के छीना था उपाध्यक्ष पद
इससे पहले मंगलवार (12 सितंबर) को ओडिशा में सत्तारूढ़ BJD ने सौम्य रंजन को पार्टी के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था. उन्होंने उड़िया न्यूज पेपर में कथित रूप से आलोचनात्मक आर्टिकल लिखा था.
उनके खिलाफ यह कार्रवाई उस समय हुई थी, जब कुछ मंत्रियों समेत वरिष्ठ नेताओं ने उन पर राज्य में उड़िया समाचार पत्र 'संबाद' में आलोचनात्मक संपादकीय लिखकर और टेलीविजन चैनलों पर बयान देकर पार्टी को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया.
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