Odisha Flood: ओडिशा के हीराकुंड बांध ने आज शाम 40 फाटकों से बाढ़ का पानी छोड़ना शुरू किया. अधिक पानी छोड़े जाने से राज्य में बाढ़ की स्थिति और खराब होने की संभावना है क्योंकि महानदी पहले से ही राज्य के कई जिलों के कई गांवों को जलमग्न कर चुकी है.
कटक जिले में महानदी के तट पर स्थित मां भट्टारिका मंदिर बाढ़ के पानी में डूब गया है. स्थानीय अधिकारियों ने क्षेत्र में स्थानीय लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए मंदिर के चारों ओर धारा 144 लागू कर दिया है. वहीं कटक जिले में बाढ़ के पानी में एक कार डूब गई. हालांकि उसमें सवार 4 यात्रियों को सुरक्षित बचाया जा चुका है. ये कार पुरी से लौट रही थी और उन्होंने अनजाने में कार को पानी में चला दिया. पानी का स्तर इतना तेज था कि कार पानी में डूब गया. जिसके बाद दमकल कर्मियों द्वारा बचाए जाने से पहले वे लगभग तीन घंटे तक पानी में फंसे रहे.
ओडिशा के कोरापुट जिले में बंगलागुडा और लेंदरी मालिगुडा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-326 पर एक पुल आज गिर गया जिससे वाहनों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई. पुल 40 फीट लंबा है, लेकिन इसका करीब 10 फीट का हिस्सा एक तरफ से गिर गया. घटना के कारण सैकड़ों वाहन सड़क के दोनों ओर फंसे रहे.
सीएम ने की समीक्षा बैठक
खुर्दा, कटक, जाजपुर, जगतसिंहपुर, सुंदरगढ़, बौध, केंद्रापरा, भद्रक, संबलपुर और कई जिलो में पानी कका स्तर बढ़ रहा है जिसके कारन कई गाँव में पानी घुस चूका है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज यहां मौजूदा स्थिति पर आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों से बाढ़ में 'शून्य हताहत' सुनिश्चित करने के लिए कहा.
पटनायक ने 10 बाढ़ प्रभावित जिलों (संबलपुर, जगतसिंहपुर, पुरी, कटक और केंद्रपाड़ा सहित) के कलेक्टरों को सड़क संपर्क सुनिश्चित करने, 'जोखिम वाले' क्षेत्रों से लोगों को निकालने और राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने का आदेश दिया. चल रही बाढ़ ने महानदी बेसिन पर कहर बरपाया है, जिसमें कम से कम 20,000 लोग फंसे हुए हैं और 24,000 हेक्टेयर से अधिक खेत जलमग्न हो गए हैं. सात जिलों में ओडीआरएएफ की नौ टीमों, छह जिलों में एनडीआरएफ की नौ टीमों और अग्निशमन सेवा की 44 इकाइयों को अलर्ट रखा गया है. (रजनीकांत के इनपुट के साथ)
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