भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने राज्य, उसके लोगों और संस्कृति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में जेल में बंद पत्रकार अभिजीत अय्यर मित्रा को माफी देने का मंगलवार को फैसला किया. गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मित्रा ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से उनके खिलाफ दर्ज कुछ आपराधिक मामलों में उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी को रोकने पर विचार करने का अनुरोध किया था जिसके बाद यह फैसला लिया गया.


अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने (मित्रा ने) मुख्यमंत्री से उनकी माफी और बिना किसी मंशा के ओडिशा के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के पश्चाताप को स्वीकार करने की अपील की.’’ मित्रा ने अपनी अर्जी में कहा कि ‘बिना दुर्भावना के अनजाने में’ ओडिशा के लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए उनकी बिना शर्त माफी पर विचार करते हुए ओडिशा विधानसभा ने उन्हें 17 नवंबर को माफी दे दी थी.


अधिकारी ने कहा, ‘‘उनकी अर्जी पर विचार करते हुए सरकार ने मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी ना देने का फैसला किया और साथ ही उनके खिलाफ दर्ज अन्य मामलों को भी वापस लेने का फैसला किया है.’’ दिल्ली के पत्रकार और शोधकर्ता को 23 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने अपने टि्वटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट कर ओडिशा, भगवान जगन्नाथ, कोणार्क मंदिर और ओडिशा के विधायकों की कथित तौर पर आलोचना की थी.


मित्रा के खिलाफ भुवनेश्वर में शहीद नगर पुलिस थाने और पुरी जिले में कोणार्क पुलिस थाने में दो मामले दर्ज किए गए थे. उन्हें आईपीसी, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और प्राचीन इमारत एवं पुरातात्विक स्थलों एवं अवशेष कानून की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था. राज्य सरकार को दी अपनी अर्जी में मित्रा ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से सीआरपीसी की धारा 196 के तहत उन पर मुकदमा चलाने को मंजूरी देने को वापस लेने का अनुरोध किया था.


उन्होंने वीडियो के लिए माफी मांगते हुए यह भी कहा कि उनकी मंशा ओडिशा के लोगों की भावनाओं को आहत करने की नहीं थी. ओडिशा सरकार ने 17 नवंबर को मित्रा को माफी दे दी थी. उन्होंने विधायकों के खिलाफ अपने बयान के लिए बिना शर्त और स्पष्ट माफी मांगी थी.


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