अमानवीय: अस्पताल में भर्ती पत्रकार के पैरों में पुलिस ने लगाई हथकड़ी, हुई आलोचना
ओड़िया दैनिक संबाद और टीवी चैनल कनक न्यूज के एक रिपोर्टर दलेई ने बुधवार दोपहर कहा कि दास और एक अन्य पुलिसकर्मी ने यह कहकर उनका मोबाइल छीन लिया कि गार्ड ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है.
ओडिशा के बालासोर में पुलिस का गिरफ्तार पत्रकार के साथ अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है. इसमें गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में भर्ती हुए पत्रकार के पैर को हथकड़ी से बांधने का मामला सामने आया है. गौरतलब है कि 50 वर्षीय पत्रकार लोकनाथ दलेई ने स्थानीय पुलिस निरीक्षक द्रौपदी दास पर ब्राउन शुगर की तस्करी पर अंकुश लगाने में विफलता के बारे में समाचार प्रकाशित करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.
दलेई ने कहा कि सोमवार को एक होमगार्ड के दुपहिया वाहन ने उनकी (दलेई) की मोटरसाइकिल को टक्कर मारने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. उन्होंने कहा कि उन्होंने गार्ड का हेलमेट छीन लिया और वापस करने से पहले हर्जाना मांगा है.
गिरफ्तारी के समय पुलिस ने किया गिरफ्तार
ओड़िया दैनिक संबाद और टीवी चैनल कनक न्यूज के एक रिपोर्टर दलेई ने बुधवार दोपहर कहा कि दास और एक अन्य पुलिसकर्मी ने यह कहकर उनका मोबाइल छीन लिया कि गार्ड ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है. दलेई ने बताया कि मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. कुछ ही पलों में मैं बेहोश हो गया और उन्होंने मुझे अस्पताल भेज दिया गया. इसके बाद गुरुवार की सुबह मैंने अपने बाएं पैर को जंजीर से जकड़े हुए खुद को अस्पताल के फर्श पर पाया. इस हथकड़ी को सुबह 11.30 बजे हटा दिया गया था.
मानवाधिकार आयोग के पास शिकायत दर्ज कराएंगे दलेई
ओड़िया दैनिक संबाद और टीवी चैनल कनक न्यूज के एक रिपोर्टर दलेई ने बुधवार दोपहर कहा कि दास और एक अन्य पुलिसकर्मी ने यह कहकर उनका मोबाइल छीन लिया कि गार्ड ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है. देलई ने कहा कि वह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास शिकायत दर्ज कराएंगे इसके अलावा देलई ने यह भी आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस स्टेशन में उनके साथ मारपीट की गई थी.
हवलदार को किया गया है निलंबित
बालासोर के पुलिस अधीक्षक सुधांशु शेखर मिश्रा ने कहा कि उन्होंने जांच के निर्देश दिए हैं और रिपोर्ट मांगी है. एक हवलदार को निलंबित कर दिया गया और दास के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद थी. आईजी नरसिंह भोल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण और अवैध है. मामले को बहुत गंभीरता से लिया गया है. अगर जरूरत पड़ी तो जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.