ASI Gopal Das Bipolar Disorder: ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास (Naba Kishore Das) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मामले में जांच हुई तो मालूम पड़ा कि उनपर गोली दागने वाला एएसआई गोपाल दास (ASI Gopal Das) मानसिक रूप से बीमार था. वह पिछले 8 साल से बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) का इलाज करा रहा था. इसके बावजूद भी उसे एक सर्विस रिवाल्वर जारी की गई थी और ब्रजराजनगर में एक पुलिस चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया था. अब इस मामले को लेकर बेहद गंभीर सवाल उठने लगे हैं.
एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बेरहामपुर में साइकेट्रिक डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. चंद्रशेखर त्रिपाठी ने बताया कि दास को बाइपोलर डिसऑर्डर था. वह पहली बार करीब आठ से दस साल पहले उनके क्लीनिक पर आया था. उसे बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता था. इसी को लेकर उसका इलाज चल रहा था. डॉक्टर ने कहा उन्हें पता नहीं है कि वह नियमित रूप से दवाएं ले रहा था या नहीं. गोपाल दास डॉक्टर से आखिरी बार एक साल पहले मिला था.
पत्नी ने क्या बताया?
इतना ही नहीं गोपाल दास पिछले पांच महीने से अपनी पत्नी और बच्चों से भी नहीं मिला था. गोपाल दास की पत्नी जयंती दास ने बताया कि उन्हें न्यूज आने से पहले इस बारे में कुछ नहीं मालूम था. वह अपने घर पर थीं और उनकी गोपाल से कोई बात नहीं हुई. उसने सुबह केवल वीडियो कॉल पर बेटी से बात की थी. वह मानसिक रूप से पीड़ित है और आठ सालों से इलाज करा रहा है. दवा लेने के बाद वह नॉर्मल रहता है.
क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर?
गोपाल दास को बाइपोलर डिसऑर्डर था. यह एक गंभीर मानसिक बीमारी है. यह एक तरह से मेंटल हेल्थ कंडीशन है. इसमें व्यक्ति अचानक हाइपर एक्टिव और अचानक उदास हो जाता है. डिप्रेशन और क्रेजीनेस के दो अलग-अलग इमोशन एक साथ भी देखने को मिल सकते हैं. हालांकि, इसे इलाज और दवाइयों से कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन अगर व्यक्ति समय पर दवा नहीं ले रहा है या इलाज नहीं करा रहा है तो यह दोबारा आ सकता है.
मंत्री को कैसे मारी थी गोली?
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास (Naba Kishore Das) को रविवार (29 जनवरी) को झारसुगुड़ा जिले में एएसआई (ASI) गोपाल दास ने गोली मारी थी. मंत्री जैसे ही अपनी कार से नीचे उतरे गोपाल दास ने उन्हें मार दी. उनके सीने पर लगातार दो गोलियां दागी गई. मौके पर ही वह खून से लथपथ हो चुके थे. गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया और घटना के 7 घंटे बाद उन्होंने अस्पताल में तोड़ा दम दिया.
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