Jagannath Temple: खुल गया खजाने का रहस्य! बुलाया गया था सांप पकड़ने वाला, लेकिन... जानें भगवान जगन्नाथ के भंडार गृह में क्या मिला
Ratna Bhandar News: 46 साल बाद इस भंडार को आभूषणों, कीमती वस्तुओं की सूची बनाने और भंडार गृह की मरम्मत करने के लिए खोला गया है, इससे पहले 1978 में इसे खोला गया था.
Jagannath Temple Ratna Bhandar: ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर के 'रत्न भंडार' को रविवार (14 जुलाई 2024) को खोल दिया गया. 46 साल बाद इस भंडार को आभूषणों, मूल्यवान वस्तुओं की सूची बनाने और भंडार गृह की मरम्मत करने के लिए खोला गया है, इससे पहले 1978 में इसे खोला गया था.
मंदिर खोलने के लिए बनाई गई समिति से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से गठित समिति के सदस्य दोपहर करीब 12 बजे मंदिर में घुसे और अनुष्ठान करने के बाद रत्न भंडार को दोपहर 1:28 बजे शुभ मुहूर्त पर खोला. हालांकि रत्न भंडार की चीजों की लिस्ट रविवार को नहीं बन सकी.
नहीं मिला कोई सांप
भंडार को खोलने से पहले लोगों को इस बात का इंतजार था कि क्या सच में खजाने की रक्षा कोई नाग कर रहा है. दरअसल, रत्न भंडार को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. कुछ लोगों का कहना है कि इस खजाने की रक्षा के लिए नाग देवता 24 घंटे तैनात रहते हैं. इन सबको देखते हुए टीम एहतियातन अपने साथ एक सपेरे को भी ले गई थी. हालांकि अधिकारियों को अंदर कोई सांप नहीं मिला.
11 लोगों की मौजूदगी में खुला रत्न भंडार
रत्न भंडार को खोलते समय 11 लोग मौजूद थे, जिसमें उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षक डीबी गड़नायक और पुरी के राजा 'गजपति महाराजा' के एक प्रतिनिधि शामिल थे. इनमें चार सेवक भी थे जिन्होंने अनुष्ठानों का ध्यान रखा. ये सभी शाम करीब 5:20 बजे रत्न भंडार से बाहर आए.
क्या निकला रत्न भंडार से
पाधी ने बताया कि सबसे पहले रत्न भंडार के बाहरी कक्ष को खोला गया. वहां कई आभूषण और कीमती सामान मिले. इन सभी को मंदिर के अंदर अस्थायी ‘स्ट्रॉन्ग रूम' में भेजा गया. इसके बाद हमने स्ट्रॉन्ग रूम को सील कर दिया. इसके बाद अधिकृत व्यक्ति खजाने के आंतरिक कक्ष में दाखिल हुए, वहां तीन ताले थे. जिला प्रशासन के पास उपलब्ध चाबी से कोई भी ताला नहीं खोला जा सकता था. इसलिए, एसओपी के अनुसार, मैजिस्ट्रेट की उपस्थिति में तीन ताले तोड़े गए. यहां से मिले खजाने को भी स्ट्रॉन्ग रूम भेजा गया.
कीमती सामान को ले जाने के लिए लकड़ी के 6 संदूक
रत्न भंडार में रखे गए कीमती सामान को ले जाने के लिए लकड़ी के छह संदूक मंदिर में लाए गए हैं। इन संदूकों के अंदरूनी हिस्से में पीतल लगा हुआ है. एक अधिकारी ने बताया कि सागवान की लकड़ी से बनी ये संदूकें 4.5 फुट लंबी, 2.5 फुट ऊंची और 2.5 फुट चौड़ी हैं. इन संदूकों को बनाने वाले एक कारीगर ने बताया, "मंदिर प्रशासन ने 12 जुलाई को हमें ऐसी 15 संदूकें बनाने के लिए कहा था.
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