VK Pandian News: ओडिशा के 5टी चेयरमैन और बीजेडी नेता वीके पांडियन ने भविष्यवाणी कर दी है कि ओडिशा में उनकी पार्टी की सरकार बनने जा रही है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी के तौर पर देखे जाने वाले पांडियन ने कहा कि केंद्र सरकार यहां कोयले और अन्य खनिजों से होने वाले मुनाफे के जरिए 60 हजार करोड़ रुपये लेकर जाती है, लेकिन बदलने में यहां 5000 करोड़ रुपये दिए जाते हैं. उनका कहना है कि ओडिशा को खनिजों से होने वाले मुनाफे के बदले में प्रदूषण भी दिया जाता है. 


समाचार एजेंसी एएनआई के बात करते हुए पांडियन ने मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात अधिकारियों पर चुनाव आयोग के एक्शन को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्य की बात है कि चुनाव आयोग ने सीएमओ में काम करने वाले कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. मैं कहना चाहता हूं कि वे दोनों अधिकारी राज्य के सबसे बेहतरीन उत्कृष्ट अधिकारी हैं. उन दोनों ने अपनी जान जोखिम में डालकर ओडिशा में नक्सलवाद को काबू करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है."


बीजेडी के हाथों मिलने वाली हार को नहीं पचा सकती BJP: वीके पांडियन


वीके पांडियन ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि उन अधिकारियों को उनकी प्रतिबद्धता, समर्पण और बलिदान के बदल में देश के सर्वोच्च अधिकारियों के जरिए सम्मानित किया गया है. ये बेहद ही दुर्भाग्य की बात है. ये बीजेपी की योजना के मुताबिक है, जो बीजेडी के हाथों मिलने वाली हार को पचा नहीं सकती है. वह नवीन बाबू की लोकप्रियता और ओडिशा के लोगों पर उनके प्रभाव के खिलाफ खड़ी नहीं हो सकती है." चुनाव में हस्तक्षेप करने पर अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है. 


बीजेडी की जीत का जताया भरोसा


ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं. इसके नतीजों का ऐलान 4 जून को ही होगा और नए मुख्यमंत्री 9 जून को शपथ लेंगे. इस बारे में बात करते हुए बीजेडी नेता पांडियन ने कहा, "मुझे लगता है कि 9 जून को भूमिपुत्र सत्ता संभालेंगे. वो शख्स जो न सिर्फ उड़िया बोलता है, बल्कि ओडिशा के लोगों के दिलों में रहता है. वह मुख्यमंत्री बनेगा. 9 जून को सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच धरती पुत्र मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे." उनका इशारा नवीन पटनायक की तरफ था.


केंद्रीय नेताओं-मुख्यमंत्रियों के अभियान से नहीं होगा कोई असर: वीके पांडियन


ओडिशा को केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाले पैसे पर भी पांडियन ने आपत्ति जताई. उनका कहना है कि जितना केंद्र सरकार यहां से मुनाफा कमाती है, उसका बहुत ही कम हिस्सा राज्य को वापस मिलता है. पांडियन ने कहा, "जो केंद्रीय नेता और मुख्यमंत्री बार-बार ओडिशा आ रहे हैं, उनके अभियान पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उन्होंने ओडिशा के लिए कुछ नहीं किया है. वे ओडिशा से लगभग 60,000 करोड़ रुपये ले जा रहे हैं. बदले में सिर्फ 4,000-5,000 करोड़ रुपये चुका रहे हैं. फिर यह कहकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं कि ओडिशा एक खनिज समृद्ध राज्य है."


मुनाफा छीनकर दे रहे हैं प्रदूषण: बीजेडी नेता


बीजेडी नेता ने आगे कहा, "कोयला ओडिशा के सबसे बड़े खनिजों में से एक है, आप 27,000-30,000 करोड़ रुपये लेते हैं और ओडिशा को 4,000 करोड़ रुपये देते हैं. आप पिछले 20 वर्षों से कोयले की रॉयल्टी को संशोधित क्यों नहीं कर पा रहे हैं? ओडिशा के लोग समझ रहे हैं कि केंद्र सरकार ओडिशा से क्या छीन रही है. और हां, हम खनिज समृद्ध हैं, लेकिन आप हमें खनिजों से मुनाफा लेने की इजाजत कहां दे रहे हैं? आप हमें प्रदूषण दे रहे हैं और सारा मुनाफा छीन रहे हैं."


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