Odisha Train Accident: रेल हादसे के 36 घंटे बाद भी 100 से ज्यादा शव लावारिस, नहीं आया कोई लेने, भेजे गए भुवनेश्वर एम्स
Odisha Train Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है. हादसे के 36 घंटे बाद अभी भी 100 से ज्यादा शव लावारिस हैं. इन्हें कोई लेने नहीं पहुंचा है.
Odisha Train Accident: बालासोर हादसे के बाद रेस्क्यू का काम पूरा होने के बाद एक नई समस्या सामने आ गई है. हादसे के 36 घंटे बाद अब यहां रखे शवों में सड़न फैलने लगी है. इसके बाद प्रशासन ने 100 से ज्यादा शवों को भुवनेश्वर भेजा है. इन शवों को भुवनेश्वर एम्स में रखा जाएगा.
बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर में अभी तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है. घटनास्थल से रेस्क्यू का काम पूरा हो गया है. 1175 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें 382 का अभी इलाज चल रहा है. 793 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. इस बीच हादसे में मारे गए लोगों के शवों के रखरखाव को लेकर समस्या आ रही है. 100 से ज्यादा शव ऐसे हैं जिनकी या तो शिनाख्त नहीं हो पाई है या फिर कोई लेने नहीं आया है.
शवों का कराया जाएगा फॉरेंसिक टेस्ट
इन शवों को नूशी नामक जगह पर रखा गया था लेकिन यहां इनमें बदबू आने लगी थी जिसके बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. अब इन शवों को भुवनेश्वर एम्स में भेजा गया है. प्रशासन के लिए सबसे बड़ी समस्या इन शवों की पहचान करने की है और यही इस समय सबसे बड़ा फोकस भी है. राज्य सरकार ने स्टेट फोरेंसिक लैब में अज्ञात शवों का परीक्षण कराने का निर्णय लिया है.
स्कूल में रखी गई डेड बॉडी
घटनास्थल से कुछ दूरी पर बहनागा हाई स्कूल है. यहां पर हादसे में मारे गए शव बड़ी मात्रा में लाए गए थे. स्कूल में शवों को रखे जाने पर अधिकारियों का कहना है कि यह जगह घटनास्थल से पास है. साथ ही इतनी बड़ी संख्या में शवो को रखने के लिए पर्याप्त जगह थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां पर अभी तक 163 शव आ चुके हैं. इनमें से करीब 30 की उनके रिश्तेदारों द्वारा पहचान की जा चुकी है.
स्कूल में शवों को उठाने में 100 से ज्यादा लोग लगे हुए हैं. इनमें नगर निगम के कर्मचारी भी हैं. राजेंद्र भी उनमें से एक हैं. उन्होंने एक्सप्रेस को बताया कि क्षत विक्षत शवों को उठाना मुश्किल काम है लेकिन उनके बिलखते परिजनों को देखना ज्यादा तकलीफदेह है. कुछ शव कई टुकडों में कट गए हैं, जबकि कुछ को बिजली के झटके लगे हैं जिनसे उनकी पहचान करना मुश्किल है.
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