Balasore Train Accident Update: ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के करीब हुए दुखद भीषण रेल हादसे को दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन दुर्घटनास्थल से बरामद 29 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है.


एम्स, भुवनेश्वर के अधीक्षक दिलीप कुमार परिडा ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर को दो चरणों में कुल 162 शव मिले थे, जिनमें से 133 शव उनके रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को सौंप दिए गए हैं. वहीं, राष्ट्रीय संस्थान को मिले कुल 81 अज्ञात शवों में से 52 शवों को उनके परिवारों के पास भेज दिया गया है.


‘103 लोगों का डीएनए कराया गया’


परिडा ने आगे बताया, “शवों के कई दावेदारों और कुछ अन्य मुद्दों की वजह से शवों और दावेदारों के 103 डीएनए सैंपल मिलना के लिए दिल्ली भेजे गए थे. इन सैपल्स के मिलान के बाद शवों को रेलवे की मदद से संबंधित परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है.”


उन्होंने कहा कि 29 अज्ञात शवों को एम्स, भुवनेश्वर में कंटेनरों में संरक्षित किया गया है. आखिरी चरण की डीएनए सैंपल रिपोर्ट एक हफ्ते में आने की संभावना है. इसके बाद केंद्र सरकार और ओडिशा सरकार को तय करना है कि जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई है उनके साथ क्या करना है?


2 जून की शाम को बालासोर जिले के पास एक दुखद दुर्घटना में चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से कम से कम 294 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हो गए.


तीन कर्मचारी गिरफ्तार


पिछले महीने जुलाई की शुरुआत में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दुर्घटना के संबंध में भारतीय रेलवे के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था. उन पर गैर इरादतन हत्या और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया है. रेल मंत्रालय ने रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट के निष्कर्षों को जारी किया था और कारणों का विवरण देते हुए कहा था कि ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना एक सिग्नल एरर के कारण हुई थी.


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