Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए भीषण ट्रेन हादसे में 288 लोगों की जान चली गई. इस हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने अपनी सभी सिग्नलिंग संपत्तियों को डबल लॉकिंग व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं रेलवे बोर्ड ने ट्रेन की आवाजाही शुरू करने के लिए प्रोटोकॉल को मजबूत करने के भी निर्देश जारी किए.
बालासोर के भीषण ट्रेन हादसे ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए, जिसके बाद से ही रेलवे सतर्क है. शनिवार को बोर्ड ने ट्रेन नियंत्रण तंत्र, रिले हट हाउसिंग सिग्नलिंग और दूरसंचार के साथ सभी रिले रूम के लिए डबल-लॉकिंग व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया.
दरअसल, आदेश में संकेत दिया गया है कि बालासोर ट्रेन हादसे में रिले रूम तक पहुंच के चलते सिग्नलिंग व्यवस्था में हस्तक्षेप हुआ था, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में चली गई और खड़ी हुई मालगाड़ी को टक्कर मारने से ये पूरी दुर्घटना हुई. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की गई थी, इसलिए अब इस तंत्र को हस्तक्षेप-रोधी बनाना है. यह डबल लॉकिंग सुनिश्चित करेगा कि कोई भी बिना अनुमति के इन स्थानों पर नहीं पहुंच सकता है.
आदेश में कही गई हैं ये बातें
पीटीआई एजेंसी के मुताबिक, आदेश में कहा गया है कि स्टेशन यार्ड में लेवल क्रॉसिंग गेट (गुमटी/केबिन), सिग्नलिंग कक्ष और दूरसंचार उपकरण को रिले हट के रूप में माना जाना चाहिए और जब तक डबल-लॉक व्यवस्था प्रदान नहीं की जाती है, तब तक वर्तमान सिंगल लॉक की चाबी स्टेशन मास्टर के पास रहेगी. इसके साथ ही आदेश में आगे कहा गया है कि स्टेशन रिले रूम की तरह ही स्टेशन मास्टर की ओर से चाबी जारी करने और जमा करने के संबंध में प्रासंगिक प्रविष्टियां रखी जानी चाहिए.
आदेश में कहा गया कि ड्यूटी पर सहायक स्टेशन प्रबंधक (एएसएम) की ओर से चाबी वापस लेने के प्रोफार्मा में एक कॉलम होगा जिसमें यह निर्दिष्ट किया जाएगा कि जिस स्थान के लिए चाबी रख-रखाव कर्मचारियों द्वारा ली गई थी, उसे ठीक से बंद कर दिया गया है और रख-रखाव कर्मचारियों द्वारा ताला लगा दिया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच से जो एक पहलू सामने आया है, वह यह कि दुर्घटना स्थल के पास कुछ काम चल रहा था. उन्होंने कहा कि एक डिस्कनेक्शन मेमो (इंटरलॉकिंग सिस्टम को बंद करने और काम शुरू करने के लिए) और एक रीकनेक्शन मेमो (काम के अंत का संकेत देने वाला सिस्टम का पुन: संयोजन) स्टेशन प्रबंधक द्वारा प्राप्त किया गया था. उन्होंने कहा कि हालांकि वास्तव में, तकनीशियन ने सिस्टम को दरकिनार किया, क्योंकि काम पूरा नहीं हुआ था और उसने कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए ‘‘ग्रीन सिग्नल’’ प्राप्त करने के वास्ते लोकेशन बॉक्स में हेराफेरी की.
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