Odisha Train Accident: ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम में की गई थी छेड़छाड़? ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच अब इस ओर मुड़ी
Coromandal Express Derail: रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जांचकर्ताओं को शक है कि कहीं सिग्नलिंग बाधाओं से बचने के लिए रेलवे कर्मचारियों की ओर से ट्रेन को बाईपास तो नहीं किया गया था.
Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए भीषण हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. अब जांच एजेंसी इस बात पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं कि कहीं ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम से तो कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है, जो ट्रेन की आवाजाही के लिए जिम्मेदार होता है. इसके साथ ही जांचकर्ताओं को शक है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन को लूप लाइन ट्रैक पर भेज दिया गया था, जिस पर लौह अयस्क लदी एक मालगाड़ी पहले से खड़ी थी.
रॉयटर्स एजेंसी को सूत्रों के हवालों से ये जानकारी मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, जांचकर्ताओं को शक है कि खराब बैरियर से उत्पन्न सिग्नलिंग बाधाओं से बचने के लिए रेलवे कर्मचारियों की ओर से ट्रेन को बाईपास किया गया था. हालांकि मीडिया ने पहले ही इस चीज को लेकर बताया था कि ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम में संभावित खराबी के कारण यह दुर्घटना हो सकती है.
प्रोटोकॉल को मजबूत करने के भी निर्देश जारी
वहीं दूसरी ओर हादसे के बाद रेलवे बोर्ड ने अपनी सभी सिग्नलिंग संपत्तियों को डबल लॉकिंग व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया है. रेलवे बोर्ड ने ट्रेन की आवाजाही शुरू करने के लिए प्रोटोकॉल को मजबूत करने के भी निर्देश जारी किए. शनिवार (10 जून) को बोर्ड ने ट्रेन नियंत्रण तंत्र, रिले हट हाउसिंग सिग्नलिंग और दूरसंचार के साथ सभी रिले रूम के लिए डबल-लॉकिंग व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया.
कहा जा रहा है कि बालासोर ट्रेन हादसे में रिले रूम तक पहुंच के चलते सिग्नलिंग व्यवस्था में चेंज हुआ था, जिससे कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में चली गई. जिसके बाद वो वहां मौजूद मालगाड़ी से टकरा गई. अधिकारियों के मुताबिक यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ हुई थी. उन्होंने कहा, इस तंत्र को हस्तक्षेप-रोधी बनाना है.
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