Coromandel Train Accident : ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में 275 यात्रियों की जान चली गई थी. कोरोमंडल एक्सप्रेस में बरामद किए गए 40 शव ऐसे भी हैं जिनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है. पुलिस अधिकारी का कहना है कि ये 40 लोग हादसे के बाद ओवरहेड केबल के टूटने की वजह से करंट की चपेट में आ गए थे. शवों को कोई बाहरी चोट नहीं लगी हुई थी, जिसकी वजह से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद करंट लगा है.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के सब-इंस्पेक्टर पापु कुमार नाइक ने शनिवार देर रात करीब 1 बजे दर्ज एफआईआर में कहा कि ट्रेन की टक्कर और ओवरहेड एलटी (लो टेंशन) लाइन के संपर्क में आने के कारण कई यात्रियों की मौत  होने की संभावना है. 


40 शवों पर चोट के कोई निशान नहीं
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस 2 जून को कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से टक्कर हो गई थी. जिस वजह से तार टूट गए थे. उन्होंने कहा कि गभग 40 ऐसे थे जिनमें कोई चोट के निशान नहीं थे, ऐसे में सभी की मौत करंट लगने से हुई है. ईस्ट कोस्ट रेलवे के चीफ ऑपरेशन मैनेजर के पद से रिटायर हुए पूर्ण चंद्र मिश्रा ने कहा कि बिजली के तार ट्रेन की बोगियों के हिस्से के संपर्क में आए होंगे. जीआरपी ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ लापरवाही (आईपीसी की धारा 304-ए) के कारण मौत का मामला दर्ज किया था. इसके अलावा सीबीआई को बुलाए जाने से पहले ट्रेन त्रासदी की जांच का नेतृत्व करने के लिए एक डीएसपी रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया था.


सब डिविजनल रेलवे पुलिस ऑफिसर ऑफ कटक  रंजीत नायक को दुर्घटना के लगभग छह घंटे बाद दर्ज शिकायत के आधार पर जांच सौंपी गई थी. एफआईआर में कहा गया था गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को बताया कि ज्वाइंट डायरेक्टर के के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम औपचारिक रूप से जांच करने के लिए मंगलवार तक ओडिशा का दौरा करेगी. रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में जन सुनवाई शुरू करने से पहले दुर्घटना स्थल का दौरा किया.


यह भी पढ़ें


Wrestlers Protest: 'पहलवानों का इस्तेमाल हो रहा', बबीता फोगाट ने विपक्ष से किया सवाल- तब कहां थे जब...?