Odisha Train Accident: ओडिशा रेल हादसे के 3 दिन, जानें भीषण दुर्घटना के बाद अब तक क्या-क्या हुआ
Triple Train Collision: बालासोर जिले में तीन ट्रेनों की भीषण दुर्घटना ने अबतक 275 जिंदगियां छीन ली हैं. हादसे में करीब एक हजार लोग जख्मी हुए है. जानें हादसे के दिन से अबतक क्या कुछ किया गया.
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Coromandel Train Accident: ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार (2 जून) को हुए ट्रेन के भीषण हादसे को लगभग तीन दिन होने जा रहे हैं. रेल मंत्रालय ने रविवार (4 जून) को कहा कि रेलवे बोर्ड ने इस भीषण ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है. रेलवे ने ड्राइवर की गलती और सिस्टम की खराबी से इनकार किया है, जो संभावित 'तोड़फोड़' और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से छेड़छाड़ का संकेत देता है.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को दुर्घटनास्थल पर चल रहे मरम्मत की कार्य का निरीक्षण करने के बाद कहा कि दुर्घटना के "मूल कारण" और इसके लिए जिम्मेदार "अपराधियों" की पहचान कर ली गई है. 2 मई की शाम को बालासोर जिले में तीन ट्रेनों के बीच भयावह टक्कर हुई थी. बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के बीच यह दुर्घटना शाम करीब 7 बजे बहनगा बाजार स्टेशन के पास हुई, जो कोलकाता से लगभग 250 किमी दक्षिण और भुवनेश्वर से 170 किमी उत्तर में है.
नहीं हो पाई करीब 200 शवों की पहचान
दो यात्री ट्रेनों के बीच हुई इस भयावह टक्कर में ट्रेन के 71 डिब्बे पटरी से उतर गए. दुर्घटना में अभी तक करीब 200 शवों की पहचान नहीं हो पाई है. एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ, पुलिस, अग्निशमन सेवा इकाइयों और स्वयंसेवकों ने जीवित बचे लोगों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की. ट्रेनों की टक्कर के दो दिन बाद, रिश्तेदारों ने अस्पतालों, दुर्घटना स्थल और मेकशिफ्ट मुर्दाघरों में ढेरों लाशों के बीच अपने प्रियजनों के अवशेषों की खोज जारी रखी.
ओडिशा सरकार ने रविवार को मरने वालों की संख्या 275 बताई, जो शनिवार को घोषित 288 से कम थी, यह कहते हुए कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गई थी. वहीं इस हादसे में जख्मी हुए 260 लोगों का फिलहाल राज्य के कई अस्पतालों में इलाज जारी है. जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि करीब 900 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है.
मरम्मत के बाद फिर से बहाल हुई आवाजाही
ट्रेन के ट्रैक का काम तेज गति से किया जा रहा है. रेल मंत्रालय ने ट्वीट किया, "ओडिशा में बालासोर के पास बहांगा बाजार में डाउन लाइन पर पटरी से उतरने के 51 घंटे बाद पहली ट्रेन की आवाजाही शुरू हुई. पहले कोयले से लदी एक ट्रेन को विजाग से राउरकेला की ओर इस मार्ग से चलाया गया. वहीं अप लाईन के तकरीबन दो घंटे के बाद डॉउन लाईन के मरम्मत कार्य को भी फिर से बहाल कर दिया गया है.
बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर रविवार को रेलवे बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें कहा गया कि सिग्नलिंग में कुछ दिक्कतें थी और केवल कोरोमंडल एक्सप्रेस बिलासपुर में दुर्घटनाग्रस्त हुई. जब उनसे पूछा गया कि क्या कवच दुर्घटना को रोक सकता था, तो उन्होंने कहा, "अगर किसी तेज गति वाले वाहन के सामने अचानक कोई रुकावट आ जाए, तो दुनिया की कोई भी तकनीक दुर्घटना को नहीं रोक सकती है." एक प्राथमिक रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन लूप लाईन में चली गई जहां पहले से एक गुड्स ट्रेन पार्क थी. रेलवे ने बताया कि पैसेंजर ट्रेन की स्पीड नॉर्मल थी, लेकिन गलत सिग्नल के कारण यह दुर्घटना हो गई.
पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा हुई
बालासोर ट्रेन दुर्घटना के अगले दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया. पीएम ने ओडिशा में त्रासदी स्थल पर स्थिति का जायजा लिया. पीएम मोदी ने कहा, शब्द मेरे गहरे दुख को कैद नहीं कर सकते. हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मैं उन सभी लोगों की सराहना करता हूं जो चौबीसों घंटे जमीन पर काम कर रहे हैं और राहत कार्य में मदद कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने ट्रिपल ट्रेन हादसे के लिए दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया. घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने बालासोर अस्पताल में पीड़ितों से मुलाकात की. इस भयावह घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अश्विनी वैष्णव और ओडिशा सरकार ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि वो ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिजनों को PMNRF से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी, वहीं घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.
रेल मंत्री ने भी इस दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेन हादसे के पीड़ितों को अनुग्रह राशि के रूप में मृतकों के परिजनों को 10 लाख, गंभीर चोट के लिए 2 लाख और मामूली चोटों के लिए 50,000 की राशि देने का ऐलान किया है. राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रेल दुर्घटना पीड़ितों के निकट संबंधियों के लिए ₹ 5 लाख तथा गंभीर रूप से घायलों के लिए ₹ 100,000 की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका की गई दायर
ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस घटना की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित करने की मांग की गई है. याचिका दायर करने को लेकर दलील में कहा गया है कि विशेषज्ञ आयोग को रेलवे प्रणाली में जोखिम और सुरक्षा मापदंडों का विश्लेषण और समीक्षा करनी चाहिए.
आगे कहा गया कि रेलवे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए व्यवस्थित सुरक्षा संशोधनों का सुझाव देना चाहिए और अपनी रिपोर्ट अदालत में जमा करनी चाहिए. याचिका में यह भी कहा गया है कि कवच प्रणाली को जल्द से जल्द लागू न करने से बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है. जो अधिकारियों के घोर लापरवाही और देखभाल के कर्तव्य के उल्लंघन का प्रत्यक्ष प्रमाण है.
विपक्षी दलों ने की इस्तीफे की मांग
भीषण रेल हादसे को लेकर विपक्षी दलों ने अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है. पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें "ऑल इज वेल" मुखौटा बनाने के लिए जिम्मेदारी का हिस्सा स्वीकार करना चाहिए. वहीं विपक्षी दलों ने पीएम से पूछा कि विशेषज्ञों की चेतावनियों और सुझावों, संसदीय समिति और कैग की रिपोर्ट की अनदेखी के लिए कौन जिम्मेदार है.
बीजेपी ने जवाब में विपक्षी दलों से बालासोर ट्रेन हादसे का राजनीतिकरण नहीं करने को कहा. पार्टी ने कांग्रेस के सवालों पर कहा कि उनके नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के रेल मंत्रियों का ट्रैक रिकॉर्ड किसी आपदा से कम नहीं है. बीजेपी आईटी प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने इन मंत्रियों के अधीन दुर्घटनाओं का विवरण दिया और कहा कि ऐसे "योग्य" वे हैं जो देश में साढ़े सात दशक में "सबसे योग्य" रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
पलटवार करते हुए मालवीय ने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण बालासोर त्रासदी का राजनीतिकरण करना बंद करें. हमें राहत और बचाव अभियान पर ध्यान देना चाहिए और जीवन और रेल को वापस ट्रैक पर जल्द से जल्द लाना चाहिए."
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