'मोबाइल की टॉर्च की मदद से लोगों को निकाला बाहर', कौन हैं वेंकटेश जिन्होंने सबसे पहले रेल हादसे की दी सूचना
Coromandal Express Derail: वेंकटेश ही वह शख्स हैं जिन्होंने सबसे पहले अधिकारियों को रेल हादसे की सूचना दी. वह थर्ड एसी कोच में सवार थे. हादसे में बाल-बाल बच गए.
Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक रेल हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. दुर्घटना में 288 लोगों की मौत हो गई और करीब 900 लोग घायल हैं. घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया है, अब मलबा हटाने का तेजी से चल रहा है. बताया जा रहा है ट्रेन दुर्घटना के बाद जिस व्यक्ति ने सबसे पहले इमरजेंसी सेवाओं को इंफॉर्म किया था वो कोई और नहीं बल्कि एनडीआरएफ के एक जवान वेंकटेश थे. वह हादसे वाले दिन 2 जून की शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार थे.
एनडीआरएफ के जवान वेंकटेश अपनी छुट्टी के चलते पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु जा रहे थे. वह थर्ड एसी कोच में थे और उनकी सीट संख्या 58 थी. इसी दौरान उनका कोच बी-7 पटरी से उतर गया था लेकिन आगे के कोचों से नहीं टकराया, इसलिए वह वो सुरक्षित बच गए थे.
हादसे के बाद लोगों को ऐसे किया रेस्कयू
एनडीआरएफ के जवान वेंकटेश के मुताबिक, जैसे ही उन्होंने एक जोरदार झटका महसूस किया और अपने कोच में कुछ यात्रियों को गिरते देखा तो उन्होंने सबसे पहले बटालियन में अपने वरिष्ठ निरीक्षक को फोन करके दुर्घटना के बारे में बताया. इसके बाद वेंकटेश ने व्हाट्सएप पर एनडीआरएफ को लाइव लोकेशन भेजी और बचाव दल ने इस लोकेशन से मौके पर पहुंचने का काम किया.
वेंकटेश ने कहा, 'जैसे ही मुझे दुर्घटना के बारे में पता चला मैं तुरंत लोगों की मदद के लिए दौड़ पड़ा. मैंने बचाव दल के आने से पहले कोच में जाकर एक शख्स को निकाला और उसे एक दुकान में आराम से बिठाया और फिर दूसरों की मदद के लिए निकल पड़ा.' साथ ही जवान ने बताया कि उन्होंने घायल और फंसे हुए यात्रियों को ढूंढने कि लिए मोबाइल टॉर्च का इस्तेमाल किया और सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. इसके अलावा उनकी एक मेडिकल दुकान के मालिक और लोकल लोगों ने रेस्कयू में काफी मदद की.
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