Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर रेल हादसे में करीब 270 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई लापता बताए जा रहे हैं. इस मामले को लेकर जांच जारी है और दोषियों का पता लगाया जा रहा है. इसी बीच कोरोमंडल एक्सप्रेस के चालक को लेकर जानकारी सामने आई है. रेलवे बोर्ड की तरफ से बताया गया है कि दुर्घटना के बाद पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस का चालक कुछ वक्त के लिए होश में था और इस दौरान उसने बताया था कि उसे ग्रीन सिग्नल मिला था. 


चालक ने दी थी जानकारी
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक रेलवे बोर्ड की मेंबर जया वर्मा ने लोको पायलट के साथ हुई अपनी आखिरी बातचीत को याद करते हुए इस बात की जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि डिरेल होने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर ने उन्हें बताया था कि उन्हें ग्रीन सिग्नल मिला था, यानी चालक को रुकने का कोई संकेत नहीं मिला था. कुछ देर तक होश में रहने के बाद चालक की हालत गंभीर हो गई और वो फिलहाल अस्पताल में भर्ती है. 


दोनों चालकों का चल रहा इलाज
दुर्घटना का शिकार हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस में जीएन मोहंती लोको पायलट थे, जबकि उनके साथ हजारी बेहरा सहायक लोको पायलट के तौर पर मौजूद थे. दोनों ही इस दुर्घटना में घायल हो गए और फिलहाल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. लोको पायलट के साथ हुई बातचीत को लेकर रेल बोर्ड की मेंबर जया ने बताया, टीटी ने मुझे बताया कि उसने पीछे से एक अजीब सी आवाज सुनी, उसे लगा कि कुछ रुकावट आ रही है, उसे समझ नहीं आया कि यह क्या है. 


ऐसे बच गई गार्ड की जान
जया वर्मा ने उस मालगाड़ी को लेकर भी जानकारी दी, जो कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गई थी. उन्होंने बताया कि मालगाड़ी का गार्ड दुर्घटना के समय डिब्बे के अंदर नहीं था. इसीलिए उसकी जान बच गई. रेलवे के नियमों के मुताबिक, मालगाड़ी के गार्ड और ड्राइवर गाड़ी के कहीं खड़ी होने पर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. इसलिए ये लोग ट्रेन के बाहर थे और उसका निरीक्षण कर रहे थे. कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी के उसी हिस्से से जोरदार तरीके से टकराई थी, जहां गार्ड रहता है. 


चालक को रेलवे ने दी क्लीन चिट
बालासोर रेल हादसे में जारी जांच के बात पता चला है कि सिग्नल इंटरफेरेंस में खामी के चलते ये हादसा हुआ था. जैसा चालक को सिग्नल मिला उसने ट्रेन को वैसे ही रूट पर चलाया. जिसके बाद मालगाड़ी से ट्रेन टकरा गई. रेलवे बोर्ड की तरफ से चालक को क्लीन चिट देते हुए कहा गया है कि ट्रेन अपनी तय स्पीड में चल रही थी और चालक ने कोई भी सिग्नल जंप नहीं किया था.


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