Railway Budget 2023: भारतीय रेलवे ने 2017-18 और 2021-22 के बीच सुरक्षा उपायों पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए. आधिकारिक दस्तावेज से इस बात की जानकारी मिली है कि इस अवधि के दौरान पटरी की मरम्मत पर खर्च में लागतार बढ़ोतरी देखी गई. 


सरकारी सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि रेलवे जल्द ही भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट का जवाब देगा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस रिपोर्ट का हवाला ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे के मद्देनजर केंद्र पर हमला करने के लिए दिया, जिसमें 275 लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे.


मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र


मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर कहा, 'ओडिशा के बालासोर में हुई भारतीय इतिहास की भयावह रेल दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है... रेल लोगों के लिए परिवहन का सबसे भरोसेमंद और सस्ता साधन है.' उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के कई ऐसे फैसले इस बीच लिए गए हैं, जिनसे रेलयात्रा असुरक्षित हो गयी है और जनता की समस्याएं बढ़ती गई हैं.


एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च


दस्तावेज के आंकड़ों से पता चलता है कि 2017-18 से 2021-22 तक, रेलवे ने राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (आरआरएसके) कार्यों पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए. फरवरी 2022 में, सरकार ने 2022-23 से आरआरएसके की वैधता को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया.


2017-18 में 8,884 करोड़ पटरी की मरम्मत के लिए


दस्तावेज में कहा गया है कि पटरी की मरम्मत के आंकड़े बताते हैं कि 2017-18 से 2021-22 के दौरान इस पर खर्च में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है. 2017-18 में 8,884 करोड़ रुपये से पटरी की मरम्मत पर खर्च 2020-21 में बढ़कर 13,522 करोड़ रुपये और 2021-22 में 16,558 करोड़ रुपये हो गया.


इसमें कहा गया है कि रेलवे ने इस अवधि के दौरान पटरी की मरम्मत पर कुल मिलाकर 58,045 करोड़ रुपये खर्च किए.


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