Odisha Train Accident Live: रेल हादसे में मारे गए 100 से ज्यादा लोगों की नहीं हुई पहचान, रेल मंत्री का दावा- घटना का कारण का पता चल गया
Coromandel Express Derails News Live: ओडिशा के बालासोर में 2 जून की शाम करीब साढ़े सात बजे 3 ट्रेनें हादसे का शिकार हो गई. हादसे में 288 लोगों ने जान गंवा दी है.
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Coromandel Express Accident News Live: ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को हुए रेल हादसे की जांचकर्ता मानवीय त्रुटि, सिग्नल फेल होने और अन्य संभावित पहलुओं से जांच कर रहे हैं. अधिकारियों ने इस भयावह रेल हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी है. हादसे में कम से कम 288 यात्रियों की मौत हुई और 1100 से अधिक यात्री घायल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ-साथ आपदा प्रबंधन दलों के अधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी. उन्होंने अस्पताल में कुछ घायलों से भी मुलाकात की.
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘अपना दर्द बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. रेल हादसे के लिए दोषी पाये जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.’’ बालासोर जिले में शुक्रवार (2 जून) की शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ. दोनों यात्री ट्रेन में करीब 2500 यात्री सवार थे. हादसे में 21 डिब्बे पटरी से उतर गए और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे सैकड़ों यात्री फंस गए. दोनों यात्री रेलगाड़ियां तीव्र गति से चल रही थीं और विशेषज्ञों ने इसे हताहतों की अधिक संख्या के मुख्य कारणों में से एक बताया है.
रेल हादसे के बाद करीब 90 ट्रेन को रद्द किया गया है जबकि 46 ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन किया गया. इसके साथ ही 11 ट्रेन को उनके गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया है. हादसे के कारण प्रभावित ज्यादातर ट्रेन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व रेलवे जोन की हैं. दुर्घटना स्थल ऐसा लग रहा था, जैसे एक शक्तिशाली बवंडर ने रेलगाड़ी के डिब्बों को खिलौनों की तरह एक दूसरे के ऊपर फेंक दिया हो. मलबे को हटाने के लिए बड़ी क्रेन को लाया गया और क्षतिग्रस्त डिब्बों से शव निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया गया. हादसे में घायल यात्रियों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
रेल हादसे की प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि दुर्घटनाग्रस्त हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन बाहानगा बाजार स्टेशन से ठीक पहले मुख्य मार्ग के बजाय ‘लूप लाइन’ पर चली गई और वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई. समझा जाता है कि बगल की पटरी पर क्षतिग्रस्त हालत में मौजूद कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकराने के बाद बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के डिब्बे भी पलट गए. एक अधिकारी ने शनिवार अपराह्न तक उपलब्ध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हादसे में 288 यात्रियों की मौत हुई है. वहीं, 56 घायलों की हालत गंभीर है. बालासोर जिला अस्पताल और सोरो अस्पताल युद्ध क्षेत्र की तरह लग रहे थे क्योंकि घायलों को इन्हीं अस्पतालों में ले जाया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि घायलों की मदद के लिए रात में 2,000 से अधिक लोग बालासोर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एकत्र हुए और उनमें से कई ने रक्तदान किया. अस्पताल का मुर्दाघर कफन में लिपटे शवों से भरा हुआ था और यात्रियों के व्याकुल परिजनों से खचाखच भरा हुआ था. देशभर से लोगों ने इस त्रासदी पर शोक व्यक्त किया और कई राज्यों और पार्टियों ने अपने कार्यक्रमों को रद्द कर दिया. दुनिया के विभिन्न देशों के नेताओं ने भी इस हादसे को लेकर दुख जताया. विपक्षी नेताओं ने शनिवार को रेलवे की ओर से यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया. कई नेताओं ने इस हादसे में जवाबदेही तय करने और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की भी मांग की. ट्रेन हादसा रोधी प्रणाली ‘‘कवच’’ काम क्यों नहीं कर रही थी, इस पर भी सवाल उठाए गए.
रेलवे ने कहा है कि ‘कवच’ प्रणाली मार्ग पर उपलब्ध नहीं थी. प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि सिग्नल दिया गया था, फिर बंद कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच शुरू की है, जिसका नेतृत्व रेलवे सुरक्षा आयुक्त, दक्षिण पूर्व क्षेत्र करेंगे.
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कांग्रेस चीफ खरगे बोले- रेलवे में 3 लाख पद खाली, 9 सालों से क्यों नहीं भरे गए
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने ट्वीट में लिखा, "मोदी जी, आप आए दिन सफेद की गई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने में व्यस्त रहते हैं पर रेल सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते. ऊपर से नीचे तक के पदों की जवाबदेही तय करनी होगी जिससे कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सके. तभी इस हादसे के पीड़ितों को न्याय मिलेगा. रेलवे में 3 लाख पद खाली हैं, बड़े अधिकारियों के पद भी खाली हैं, जो PMO भर्ती करता है, उनको 9 सालों में क्यों नहीं भरा गया?"
Odisha Tragedy: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा रेल हादसे की जांच का मामला
बालासोर रेल हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है. ये याचिका विशाल तिवारी नाम के वकील ने दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच आयोग बनाने की मांग की गई है. रेलवे सुरक्षा को लेकर भी पूर्व जज की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमिटी बनाने की मांग है. साथ ही रेल दुर्घटना से बचाने वाले 'कवच' सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई है.
स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने घायलों के बेहतर इलाज के संबंध में की बैठक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बालासोर ट्रेन हादसे में घायल लोगों के इलाज के संबंध में भुवनेश्वर एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों और अधिकारियों के साथ बैठक की.
दो दिनों से घटनास्थल पर डटे रेल मंत्री, PM ने फोन पर की बात
पीएम नरेंद्र मोदी ने रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से फोन पर बात की है. प्रधानमंत्री ने अश्विनी वैष्णव से कार्य प्रगति की जानकारी ली और उन्हें पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास के निर्देश दिए. अश्वनी वैष्णव पिछले 2 दिन से घटनास्थल पर अधिकारियों के साथ डटे हैं.
रेल हादसे में मारे गए 100 से ज्यादा लोगों की नहीं हुई शिनाख्त
ओडिशा रेल हादसे में 100 से ज्यादा शवों को भुवनेश्वर एम्स भेजा गया है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि ये शव बालासोर में सड़ रहे थे. ये वो सब शव हैं जिनकी अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है या फिर कोई लेने नहीं आया है.