Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए रेल एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या बढ़कर मंगलवार (6 जून) को 288 हो गई. ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने कहा, ''रेलवे की पटरी से निकालने वालों के मृतकों की लिस्ट, शव गृह की लिस्ट, अस्पतालों की लिस्ट और विभिन्न जिलों के कलेक्टर से रिपोर्ट लेने के बाद बालासोर के कलेक्टर ने बताया कि 288 लोगों की जान एक्सीडेंट में चली गई है''. 


प्रदीप जेना ने आगे बताया कि 288 शवों में से 205 की पहचान हो गई है. बचे हुए 83 लोगों की शिनाख्त अभी नहीं हो सकी. दरअसल बालासोर में शुक्रवार (2 जून) को तीन ट्रेन हादसे का शिकार हुई थीं. इसमें हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और खड़ी हुई माल गाड़ी थी. 


मौत होने के दूसरे क्या कारण है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने इसी बीच राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के हवाले से बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस से बरामद करीब 40 शवों पर किसी तरह की चोट का निशान नहीं मिलें हैं और माना जा रहा है कि उनकी मौत करंट लगने से हुई है. बालासोर में जीआरपी थाने में दर्ज एफआईआर में संकते देते हुए कहा गया कि ऊपर से जा रहे तारों के दुर्घटना के बाद टूटने और उनके कुछ डिब्बों में फंसने की वजह से यात्रियों को करंट लगा. 









ओडिशा रेल हादसा कैसे हुआ?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि बालासोर के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार (2 जून) शाम करीब सात बजे एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थे, जिससे इसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उसी समय वहां से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ पिछले डिब्बों पर पलट गए. 


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