Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार (2 जून) को हुए ट्रेन हादसे में अब रेलवे बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि ये हादसा सिग्नलिंग में आई परेशानी के कारण हुआ है. इस दुर्घटना में अब तक 288 लोगों की जान चली गई है वहीं एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 


रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने दुर्घटना के बारे में ब्योरा देते हुए कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को बहानागा स्टेशन से निकलने के लिए ग्रीन सिग्नल मिला था. इस ट्रेन की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा है और हादसे के दौरान ये 128 की स्पीड से दौड़ रही थी जो साफ बताता है कि ये ओवर स्पीडिंग का मामला नहीं है. शुरुआती जांच में पता चला है कि सिग्नलिंग में परेशानी थी. ग्रीन सिग्नल होने के चलते वो अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी और लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी में जा टकराई. रफ्तार इतनी तेज थी कि ट्रेन का इंजन मागलाड़ी के डिब्बे पर जा चढ़ा. 


यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकराई कोरोमंडल एक्सप्रेस


जया वर्मा ने आगे बताया कि मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी, क्योंकि मालगाड़ी लौह अयस्क ले जा रही थी. इसी वजह से सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ. यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है. कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउन लाइन पर 128 किमी/घंटा की स्पीड से चल रही थी. 






जिम्मेदार लोगों की पहचान हो गई है- जया वर्मा


उन्होंने आगे कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान हो गई है. हालांकि, अभी उसका खुलासा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि अभी जांच जारी है. एबीपी न्यूज़ के एक सवाल का जवाब देते हुए जया ने कहा, क्या हुआ होगा, इसको समझने की कोशिश कर रहे हैं. हमारे पास एक डिजिटल रिकॉर्ड है जो कोई एरर नहीं दिखा रहा है, लेकिन हादसा हुआ है इसका मतलब है कि कुछ गलत हुआ है. हमें प्रारंभिक रूप से पता है, लेकिन सीआरएस रिपोर्ट का इंतजार करें. 


टैंपर प्रूफ होता है- जया वर्मा


जया ने इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग का जिक्र करते हुए कहा कि ये टैंपर प्रूफ होता है. ये एक तरह की मशीन है जिस कारण .01 फीसदी फेलियर की गुंजाइश रहती है. उन्होंने आगे कहा, ये अभी साफ नहीं है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतरी या मालगाड़ी को टक्कर मारी. 


वरिष्ठ अधिकारी कॉल का दे रहे जवाब- जया वर्मा सिन्हा


रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने आगे कहा, हमारा हेल्पलाइन नंबर 139 उपलब्ध है. यह कोई कॉल सेंटर नंबर नहीं है, हमारे वरिष्ठ अधिकारी कॉल का जवाब दे रहे हैं और हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. घायल या मृतक के परिवार के सदस्य हमें फोन कर सकते हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे उनसे मिल सकें. हम उनकी यात्रा और अन्य खर्चों का ध्यान रखेंगे.


यह भी पढ़ें.


Coromandel Train Accident: 'भुवनेश्वर जाने वाली फ्लाइट के किराये में न हो असामान्य बढ़ोतरी', मंत्रालय ने एयरलाइंस को जारी की एडवाइजरी