भुवनेश्वर: ओडिशा गैंगरेप मामले में आज केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ध्रमेंद्र प्रधान ने पीड़ित परिवार से उनके घर पर मुलाकात की है. ध्रमेंद्र प्रधान ने पीड़ित परिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश भी दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार असुरक्षित है. उन्हें आरोपियों से लगातार खतरा है जो राज्य की सत्ताधारी पार्टी की तरफ से संरक्षित हैं. ध्रमेंद्र प्रधान ने इस मामले की जांच सीबीआई से करानी की मांग की है.


पीड़ित परिवार के सदस्यों को मिले सुरक्षा- ध्रमेंद्र प्रधान


पीड़ित परिवार से मिलने के बाद ध्रमेंद्र प्रधान ने कहा, ‘’मैंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुरक्षा देने की अपील की है.’’ उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार ने घटिया पूछताछ करने और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.’’ ध्रमेंद्र प्रधान ने कहा, ‘’मुलाकात के दौरान पीड़ित भाई ने उन्हें बताया कि अपराध शाखा ने सबूत के तौर पर उसकी पीड़ित बहन के खून से सने कपड़ों को लेन से इनकार कर दिया. हालांकि बाद में उन्होंने इसे न्यायिक आयोग को दिखाया.’’


केंद्रीय मंत्री ने इस मामले की जांच को गुमराह करने का आरोप लगाया है. ध्रमेंद्र प्रधान ने कहा, ‘’अगर क्राइम ब्रांच ने सही दिशा में जांच की होती तो पीड़िता और उसके परिवार को इंसाफ मिल जाता. पीड़िता के माता-पिता अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं और उसका भाई भी बहुत डरा हुआ है.’’ ध्रमेंद्र प्रधान ने पटनायक सरकार को असंवेदनशील सरकार बताया.


ओडिशा की महिलाओं से माफी मांगें सीएम नवीन- ध्रमेंद्र प्रधान


ध्रमेंद्र प्रधान ने आगे कहा, ‘’पीएम मोदी ने दलित परिवार के हित के लिए मुद्दा उठाया था. पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए और मामले की सही तरीके से जांच होनी चाहिए. उसकी मां सीबीआई जांच की मांग कर रही है.’’  उन्होंने कहा, ‘’ अगर सीएम नवीन पटनायक के अंदर महिलाओं के लिए सम्मान है तो उन्हें इस मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिए.’’ इतना ही नहीं ध्रमेंद्र प्रधान ने सीएम नवीन पटनायक से ओडिशा की महिलाओं से माफी मांगने को भी कहा. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के साथ ओडिशा की साढ़े चार करोड़ जनता है.


पीएम मोदी ने भी उठाया था मुद्दा


बता दें कि पीएम मोदी ने भी बारीपदा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओडिशा सरकार पर महिलाओं और लड़कियों के कल्याण के लिए गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया था. साथ ही पीपली सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले की दोबारा जांच कराने की अपील की थी. मोदी ने कहा था, ‘‘यह (राज्य) सरकार पुरी जिले में सात-आठ साल पहले हुई एक घटना में एक लड़की को न्याय नहीं दे सकी है. यह स्वाभाविक है कि जांच में ढिलाई को लेकर महिलाएं और लड़कियां गुस्से में हैं.’’


क्या है मामला?


गौरतलब है कि 2011 में 19 साल की एक लड़की से बलात्कार हुआ था और कोमा में रहने के दौरान 2012 में उसकी मौत हो गई थी. इस घटना को लेकर राज्यव्यापी रोष व्याप्त हो गया था. ऐसे आरोप थे कि ओडिशा के कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने आरोपियों को संरक्षण दिया था. 24 दिसंबर 2018 को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत ने इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों को बरी कर दिया था.


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