कोलकाता/भुवनेश्वर: चक्रवात तूफान 'यास' से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल और ओडिशा के दौरे पर हैं. तूफान ‘यास’ के बुधवार को देश के पूर्वी तटों से टकराने के बाद भारी बारिश हुई थी. इस दौरान 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कई करोड़ लोग इससे प्रभावित हुए हैं. यहीं नहीं, तूफान के चलते कई जिंदगियां हमेशा के लिए खामोश भी हो गईं. हालांकि ओडिशा, पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने के बाद तूफान कमजोर पड़ गया था.
बंगाल में एक करोड़ लोग प्रभावित और 3 लाख मकान क्षतिग्रस्त
बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गए. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चक्रवात के कारण राज्य 'सबसे अधिक' प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति की दुर्घटनावश मौत हो गई. लगभग पूरे पश्चिम बंगाल में पानी भर गया है. कई तटबंध टूट गए हैं और समुद्र का पानी दक्षिण 24 परगना के सागर एवं गोसाबा जैसे क्षेत्रों और पूर्व मिदनापुर के मंदारमणि, दीघा और शंकरपुर जैसे तटीय क्षेत्रों में घुस गया है. निचले इलाकों में व्यापक क्षति हुई है.
बनर्जी ने ये भी कहा है कि त्रासदी में राज्य को करीब 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व और कृषि भूमि को ध्यान में रखते हुए सारी गणना की गयी है. उन्होंने कहा, 'हमें जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण करने की आवश्यकता है क्योंकि ज्यादातर स्थान पानी में डूबे हुए हैं. इसमें (वित्तीय आंकलन में) अभी कुछ समय लगेगा.'
ओडिशा में तीन लोगों की मौत, कई गांव में भरा पानी
'यास' तूफान के बाद ओडिशा के बालासोर और भद्रक जिलों में 128 गांवों में पानी भर गया. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इन गांवों के लिए सात दिनों तक राहत पहुंचाने की घोषणा की है. बालासोर जिले के बहनागा और रेमुना ब्लॉक और भद्रक जिले के धामरा और बासुदेवपुर के कई गांवों में समुद्र का पानी घुस गया. क्योंझर और बालासोर में पेड़ गिरने से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई लेकिन इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है. मयूरभंज में एक और बुजुर्ग महिला की मकान गिरने से मौत हो गई.
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पीके जेना ने बताया कि भारी बारिश के कारण बुधबलंग नदी में अचानक बाढ़ आने की आशंका जताई गई है. वहीं तार कटने के बाद जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और जाजपुर जिले में कुछ जगहों पर बिजली लाइनों की मरम्मत का काम शुरू हो गया है. ओडिशा के संवेदनशील क्षेत्रों से 6.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है.
झारखंड में तूफान से दो की मौत, बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान
झारखंड में बंगाल की खाड़ी से आए चक्रवाती तूफान ‘यास’ के चलते हुई भारी बारिश से मकान गिरने की एक घटना में दो लोगों की मौत की सूचना है. जबकि इसके प्रभाव से राज्य में सात से आठ लाख की आबादी प्रभावित हुई और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ. राज्य के अनेक इलाकों में पिछले दो दिनों से जारी तेज बारिश के चलते अनेक पहाड़ी नदियों में जलस्तर बढ़ गया जिसके कारण कई स्थानों पर पुल भी बह गए. इनमें से रांची को तमाड़ से जोड़ने वाला पुल भी शामिल है.
झारखंड में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि तूफान के चलते राज्य में विभिन्न जिलों में लगभग 20 से 25 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. विभिन्न इलाकों में पोल और अन्य सामग्री के टूटने व ट्रांसफार्मर के जलने के कारण विभाग को लगभग 50 लाख रुपए की अनुमानित आर्थिक क्षति हुई है.
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