भुवनेश्वर: मयूरभंज जिले के सिमिलीपाल राष्ट्रीय उद्यान में लगी आग बेकाबू होती जा रही है. स्थिति पर नियंत्रण और जांच करने के लिए ओड़िशा सरकार ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय दल भेजा है. वन एवं पर्यावरण मंत्री बी के अरूखा ने कहा कि उच्च स्तरीय दल की अगुवाई प्रधान वन मुख्य संरक्षक (वन्यजीव) करेंगे.
सिमिलीपाल राष्ट्रीय उद्यान में लगी आग कब बुझेगी?
मंत्री ने कहा, "मैंने पीसीसीएफ (वन्यजीव) को आग के कारणों का पता लगाने, उस पर काबू पाने और मामले की पड़ताल करने का आदेश दिया है." आग की लपटें एक जगह से दूसरी जगह लगातार फैल रही हैं. 2,750 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बसे राष्ट्रीय उद्यान में लगी आग पहले ही बेटानोटी, रसगोविंदपुर और मोरादा क्षेत्र में फैल चुकी है, जिससे बाघों समेत वन्यजीवों की जिंदगी खतरे में आ गई है और बड़ी संख्या में औषधीय वृक्ष और अन्य पेड़-पौधे जल चुके हैं. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर स्थिति पर पहले ही चिंता जता चुके हैं. गौरतलब है कि जंगल में एक सप्ताह से लगी आग अब नए क्षेत्रों में फैल रही है.
काबू पाने के लिए सरकार ने भेजा उच्च स्तरीय दल
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आग बुझाने के काम में 250 वन रक्षक और स्थानीय वॉलेंटियर के अलावा 1 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया है. इसके अलावा, 240 ब्लोअर और फायर टेंडर समेत 40 दमकल की गाड़ियों को ऑपरेशन में इस्तेमाल किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जल्दी गर्मी के आगमन से अप्रत्याशित सूखा आग लगने की वजह बना. स्थिति की समीक्षा करनेवाले मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को जानकारी दी गई थी कि आग काबू में है और वन्यजीव और बड़े पेड़ों को हानि नहीं पहुंचने की रिपोर्ट मिली है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि सिमिलीपाल अमूल्य प्रकृति का खजाना न सिर्फ ओड़िशा और भारत के लिए है बल्कि दुनिया के लिए भी है और जंगल को बचाने के लिए सभी सुरक्षात्मक कदम उठाए जा रहे हैं.
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