मध्यप्रदेश: हनीट्रैप में फंसे अफसर ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, सफाई देने के लिए मांगा समय
आईएएस अफसर प्रेमचंद मीणा ने प्रदेश मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा कि मैं लंबे समय से मानसिक रूप से परेशान हूं. आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर मेरी छवि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
भोपाल: एमपी के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं. बता दें कि आदिम जाति अनुसंधान और विकास संस्था में संचालक के पद पर पदस्थ वरिष्ठ आईएएस अफसर प्रेमचंद मीणा का एक आपत्तिजनक वीडियो पिछले महीने वायरल हुआ था. जिसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर खुद को षड्यंत्र में फंसाए जाने की बात कही है, साथ ही मिलने का समय भी मांगा है.
हनीट्रैप की जांच कर रही एसआईटी के चालान में मीणा का नाम
आईएएस अफसर प्रेमचंद मीणा ने प्रदेश मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा कि मैं लंबे समय से मानसिक रूप से परेशान हूं. आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर मेरी छवि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. जब यह वीडियो वायरल हुआ था तो मैंने इसकी सूचना तत्काल प्रमुख सचिव गृह विभाग को देकर षडयंत्र की जांच कराने की मांग भी की थी. उन्होंने कहा कि मैं अपने पद की गरिमा रखते हुए अब तक शांत था लेकिन अब हनीट्रैप की जांच कर रही एसआईटी ने न्यायालय में प्रस्तुत किये गए अपने चालान में जिक्र किया है कि मुझे पत्रकार वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से ब्लैकमेल कर 20 लाख रुपए के लेन-देन में शामिल किया गया.
आईएएस मीणा ने पत्र में आरोपों को बताया निराधार
प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में प्रेमचंद मीणा ने हनीट्रैप मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार और झूठ बताया है. उन्होंने कहा कि इससे मेरी सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है साथ ही मैं और मेरा परिवार मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं. वहीं मीणा ने उनके खिलाफ षडयंत्र रचे जाने की बात भी कही है. इसके साथ ही उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर मुख्य सचिव से मुलाकात का समय भी मांगा है.
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