नई दिल्ली: महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों की रोकथाम और महिलाओं के मामले में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने को लेकर संसद की स्टैंडिंग कमेटी ऑन एंपावरमेंट ऑफ वूमेन की बैठक संसद की लाइब्रेरी में आयोजित की गई. 3 बजे से शुरू हुई बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली. जिसमें कमेटी के सभी सदस्य मौजूद रहे.


बैठक के दौरान ट्विटर के अधिकारियों को तलब किया गया था. जिन्होंने कमेटी के सामने एक प्रजेंटेशन भी दिया और कमेटी को विश्वास दिलाया कि ट्विटर अपनी ओर से हर स्तर पर प्रयास करेगा कि उसके प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल ना हो सके. ये बैठक गुरुवार को भी बुलाई गई है. जिसमें फेसबुक के अधिकारियों को बुलाया गया है.


गौरतलब है कि हैदराबाद की घटना के बाद सड़क से संसद तक घटना को लेकर आवाज उठ रही है. निर्भया कांड के बाद ये पहला मौका बताया जा रहा है जब सड़क से संसद तक एक सुर में लोग घटना की ना केवल निंदा कर रहे हैं, बल्कि आरोपियों को सरेआम फांसी देने की मांग हो रही है.


जिसे ध्यान में रखते हुए, स्टैंडिंग कमेटी ऑन एंपावरमेंट ऑफ वूमेन ने महिलाओं के लिए सुरक्षा को लेकर 4 और 5 दिसम्बर को संसद में कमेटी की एक अहम बैठक बुलाई थी. तय कार्यक्रम के मुताबिक बुधवार दिन में 3 बजे संसद की लाइब्रेरी हाल में हिना गावित की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में सांसद लॉकेट चटर्जी, रति पाठक समेत कमेटी के सभी सदस्य मौजूद रहे.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में ट्विटर कंपनी के अधिकारियों को तलब किया गया था. कमेटी के सदस्यों ने ट्विटर से कहा कि आप तय करें कि किसी महिला का गलत वीडियो को कोई न डाले साथ ही उसे कम समय मे हटाने की व्यवस्था भी तय करें. ये भी तय करें कि बलात्कार की पीड़ित किसी महिला का फोटो या वीडियो का दुरुपयोग ना हो सके. कमेटी ने ट्विटर को एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उसे कमेटी के सामने पेश करने को कहा है. माना जा रहा है कि सरकार सोशल मीडिया के माध्यम से महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय को रोकना चाहती है.

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