आर्थिक मोर्चे पर आई खुशखबरी, चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 0.4 फीसदी बढ़ी जीडीपी
कोरोना महामारी और उसकी वजह से लगाए गए लॉकडाउन के कारण पहली दो तिमाहियों में जीडीपी में भारी गिरावट आई थी.
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिया है. कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में लगातार दो तिमाही में गिरावट के बाद तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े में यह जानकारी दी गयी है. इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
एनएसओ के राष्ट्रीय लेखा के दूसरे अग्रिम अनुमान में 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया गया है. जनवरी में एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया था. एक साल पहले 2019-20 में जीडीपी में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. वहीं दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. चीन की अर्थव्यवस्था में अक्टूबर-दिसंबर, 2020 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. वहीं जुलाई-सितंबर में वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रही थी.
कई एजेंसियां पहले से ही इस बात को कह रही थीं कि तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था पॉजिटिव रह सकती है. इकोनॉमी को पटरी पर लाने की सरकार की कोशिश की वजह से रेटिंग एजेंसियों को भारत में आर्थिक विकास दर बढ़ने की उम्मीद दिखने लगी है.
कुछ दिनों पहले ही आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी को देखते हुए रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 10. 8 फीसदी से बढ़ा कर 13.7 फीसदी कर दिया. मूडीज का मानना है कि आर्थिक गतिविधियों में रफ्तार और कोविड-19 की वैक्सीन मार्केट में आने से भारत की इकोनॉमी में तेज रिकवरी हो सकती है. इसके साथ ही एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में गिरावट के अनुमान को 10.6 फीसदी से घटा कर 7 फीसदी कर दिया.
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