जम्मू: कोरोना वायरस के चलते जम्मू कश्मीर में पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए अब तेल कंपनियों ने अनोखी पहल की है. लॉकडाउन के दौरान जिन उद्योगों को उत्पादन की अनुमति सरकार ने दी है, उन उद्योगों के लिए अब भारत पेट्रोलियम की ओर से डोर डिलीवरी की शुरुआत की गई है.
लॉकडाउन के दौरान बिगड़ चुकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जम्मू-कश्मीर में दवाइयों और जरूरी सामान बनाने वाले उद्योगों को सशर्त उत्पादन करने की इजाजत दी गई है. इसी कड़ी में अब उत्पादन कर रहे इन उद्योगों को सहूलियत देते हुए सरकार ने देश की बड़ी तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम की डोर डिलीवरी करने की इजाजत दे दी है. भारत पेट्रोलियम ने यह सुविधा उद्योगों और संस्थागत इकाइयों के लिए शुरू की है.
भारत पेट्रोलियम के जम्मू-कश्मीर के टेर्रोरिटी मैनेजर राजेश शर्मा के मुताबिक कोरोना वायरस को हराने के के लिए जारी लॉकडाउन में इन उद्योगों के लिए और पेट्रोल पम्पों पर भीड़ कम करने के लिए उन्होंने यह सेवा शुरू की है. इस सेवा के तहत अब अपने उद्योगों में डीजल की डिलीवरी के लिए WhatsApp पर ऑर्डर देना होगा.
डीजल की डोर डिलीवरी के लिए भारत पेट्रोलियम एक छोटा पेट्रोल पंप जिसे बूजर कहते हैं का उपयोग कर रही है. इस बूजर में ATM जितना छोटा डिस्पेंसिंग यूनिट लगा होता है जो डीजल की डोर डिलीवरी ठीक उसी तरह करता है जैसे आप पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ी में तेल डलवाते है. बूजर में 3-3 हजार लीटर की दो टंकिया भी लगी होती है जिनमें डीजल भरा होता है. भारत पेट्रोलियम का दावा है कि कोरोना महामारी के चलते इस नए प्रयोग का लाभ सीधा उद्योगों को होगा.
वहीं जम्मू में लॉकडाउन के दौरान उत्पादन कर रहे उद्योगों से जुड़े लोग भी इस पहल से काफी खुश हैं. इन लोगों का दावा है कि इस पहल से ना केवल उन्हें अपने उद्योगों में ही डीजल मिल रहा है बल्कि पहले की सीमित कर्मचारियों के साथ काम चला रहे उद्योगों की जनशक्ति को भी बचाता है. इसके साथ ही मिलावट और चोरी जैसे खतरों से भी इन उद्योगों को निजात मिली है. वहीं भारत पेट्रोलियम का यह भी दावा है कि जो डीजल उद्योगों को सप्लाई किया जा रहा है. उसके लिए कोई अतिरिक्त पैसा वसूला नहीं जा रहा है.
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