नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने बताया कि तेल रिसाव से निपटने के लिए भारत ने IAF के एक विमान में 30 टन से अधिक तकनीकी उपकरण और सामग्री मॉरीशस भेजी है. उपकरण भारतीय तटरक्षक बल द्वारा प्रदान किया गया है. 7 अगस्त को मॉरीशस तट पर एक जापानी बल्क कैरियर (जहाज) में सैकड़ों टन तेल का रिसाव हो गया, जिससे जहाज दो हिस्सों में टूट गया. मॉरीशस के हिंद महासागर द्वीप ने इसके बाद 'पर्यावरणीय आपातकाल' की घोषणा की थी.


विशेष रूप से तेल रिसाव रोकथाम के उपायों से निपटने के लिए प्रशिक्षित भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के 10 सदस्यीय तकनीकी प्रतिक्रिया दल को भी सामग्री सहायता के साथ मॉरीशस भेजा गया है. भारतीय वायुसेना का विमान 10,000 उच्च क्षमता वाले तेल शोषक पैड (oil absorbent pads) भी ले गया है जो विशेष रूप से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा सप्लाई किया जाता है.


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, #SAGAR पॉलिसी एट वर्क. #oilspill रोकथाम और निस्तारण कार्यों में मॉरीशस की सहायता करने के लिए, IAF विमान 30 टन विशेष उपकरणों और 10-सदस्यीय तकनीकी प्रतिक्रिया टीम के साथ लैंड किया.


 





मॉरीशस नेशनल क्राइसिस कमेटी का मानना है कि लगभग 90 टन ईंधन अभी भी जहाज में बचा है. रिसाव बंद करने की कोशिशें जारी हैं. कमेटी ने कहा कि वह 'मालिक और बीमाकर्ता' से रिसाव के लिए मुआवजे की मांग करेंगे. मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनॉथ के अनुसार, जहाज के तेल टैंक से 4,000 टन तेल में से 3,000 को बाहर निकाला गया.


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