Ojha Sir On Ram Mandir: 'शादी समारोह में कुछ फूफा नाराज तो रहते ही हैं...,' प्राण प्रतिष्ठा पर विपक्ष के रुख को लेकर बोले ओझा सर
Ojha Sir On Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हो रही राजनीति पर ओझा सर ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि अयोध्या उत्सव सबका है. राजनीति पर ध्यान देने की ज़रूरत नहीं.
Ojha Sir On Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में बनकर तैयार हुए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम का इंतजार पूरा देश कर रहा है. रात गुजरते ही सोमवार 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. इसे लेकर पूरे देश में उत्सव का माहौल है. इस बीच इस समारोह में जाने या नहीं जाने को लेकर खूब राजनीति भी हो रही है.
विपक्षी पार्टियों चाहे कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP) हो या टीएमसी (TMC) या अन्य दालों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. इस पर मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर ओझा सर (अवध ओझा) ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि शादी में कोई ना कोई फूफा नाराज रहते ही हैं. जब बात रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की हो तो राजनीति पर बहुत ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
'सिर्फ प्रसाद लेने अयोध्या नहीं आना'
एनडीटीवी से खास बातचीत में ओझा सर ने युवाओं को भी कई संदेश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि इस देश में लव कुश जैसे वीर पैदा हुए जिन्होंने महाबली हनुमान को भी अपने विवेक से बांध दिया था. भारत में हर व्यक्ति विद्वान है, इसलिए राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा यह संदेश देने के लिए है कि हमें विवेकशील बनकर पूरे विश्व पटेल पर भारत की सभ्यता संस्कृति को स्थापित करनी है.
वह कहते हैं, "राम मंदिर सिर्फ प्रसाद लेने के लिए नहीं आना है बल्कि यहां से संदेश भी लेकर जाना है. वह संदेश जो राम के दोनों बेटों लव कुश ने विवेक का परिचय दे कर दिया, वह संदेश जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जीवन से मिलता है."
ओझा सर कहते हैं कि रामायण हमें जीवन के संघर्षों में विजय की सीख देती है. राम का चरित्र जीवन के हर कसौटी पर मर्यादा से भरा है. इसलिए अयोध्या से प्रसाद खाने के लिए नहीं बल्कि रामायण के चरित्र को जीवन में उतारने का संदेश लेकर जाने के लिए आना है.
'अयोध्या उत्सव पूरे देश का'
फिलहाल प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या में चल रहे सप्ताह व्यापी विशेष अनुष्ठान, जिसे "अयोध्या उत्सव" का नाम दिया गया है, उसकी भी सराहना ओझा सर ने की. उन्होंने कहा कि इसे किसी व्यक्ति का उत्सव नहीं देखकर देश के उत्सव के तौर पर देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेता या जनप्रतिनिधि के पद का सम्मान जरूर है, लेकिन लोकतंत्र में वे जनता के सेवक हैं. जनता मालिक है इसीलिए राजनेता क्या कहते हैं, क्या करते हैं, यह बहुत ध्यान देने की बात नहीं है. अयोध्या उत्सव पूरे देश का है, जनता का है, इसे राजनीति से परे दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए.
कौन हैं ओझा सर
अवध ओझा सर यूपीएससी में हिस्ट्री के प्रिपरेशन के लिए एस्पिरेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय है. गले में गमछा और देसी अंदाज में पढ़ाने वाले अवध ओझा सालों से यूपीएससी की कोचिंग देते रहे हैं. पढ़ाने के अपने अनूठे अंदाज से वह बेहद लोकप्रिय हैं. वह जाने-माने यूट्यूबर और एजुकेटर हैं. उनके यूट्यूब चैनल के लाखों सब्सक्राइबर हैं. यूपीएससी का मेंस क्वालिफाई न कर पाने के बाद उन्होंने पढ़ाना शुरू किया था. यह भी सच है कि शुरुआत में उन्हें स्टूडेंट्स की बेहद खराब प्रतिक्रिया मिली थी. स्टूडेंट्स कोचिंग छोड़कर भाग गए थे. फिर उन्होंने पढ़ाने की ऐसी स्टाइल विकसित की कि पूरे देश के यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच वह लोकप्रिय बन गए हैं.