नई दिल्ली: ऐप बेस्ट टैक्सी सर्विस ओला और उबर के ड्राइवर आज भी हड़ताल पर हैं. आज ड्राइवरों के हड़ताल का पांचवा दिन है. इसकी वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना कर पड़ रहा है. दिल्ली-एनसीआर वालों को टैक्सी मिलने मुश्किल हो रही है.
क्यों हड़ताल पर है ओला-ऊबर के ड्राइवर
लगातार पांचवे दिन भी हड़ताल पर रहने वाले ओला और ऊबर के कैब के ड्राइवर की अपनी कुछ मांगे हैं. उनकी मांग है कि कैब का किराया बढ़ाया जाए और ऐप बेस्ड कंपनियों को जो कमीशन दिया जा रहा है उसे कम किया जाए. दिल्ली के व्यस्त इलाकों में कैब ड्राइवर की हड़ताल के असर को देखा जा रहा है.
हड़ताल जारी रखने की धमकी
आपको बता दें कि शुक्रवार को एप आधारित कैब सेवाओं के करीब 400 ड्राइवरों ने रामलीला मैदान से जंतर मंतर तक विरोध मार्च निकाला था. इसके साथ ही उन्होंने धमकी भी दी थी कि अगर उनके मांग को पूरा नहीं किया गया तो हड़ताल जारी रहेगा.
लोगों को हो रही है परेशानी
दिल्ली के कनॉट प्लेस में काम करने वाले आवास चक्रवर्ती एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाते हैं. अक्सर ग्रेटर कैलाश से कनॉट प्लेस आने के लिए चक्रवर्ती टैक्सी का ही इस्तेमाल करते है. लेकिन पिछले दिनों से मुसीबत हो गई है. आज उन्हें मेरु टैक्सी से आना पड़ा लेकिन टैक्सी वाला मीटर से नही बल्कि मनमाने किराये से जाने को तैयार हुआ. जिसके बाद 350 रुपए देकर वो ग्रेटर कैलाश से कनॉट प्लेस पहुंचे. आवास की तरह ही कई ऐसे लोग है जो रोजाना कैब का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से जहां एक तरफ उन्हें ज्यादा परेशानी हो रही है, वहीं उन्हें ज्यादा पैसे भी खर्च करने पड़ रहे हैं.
कुछ ड्राइवर चला रहे हैं कैब
हड़ताल के बावजूद कुछ ड्राइवर ऐसे भी हैं जो रोज़ी रोटी के लिए टैक्सी चला रहे हैं. विक्रम नाम के एक ड्राइवर ओला और उबर दोनो के लिए टैक्सी चलाते हैं. हड़ताल के बावजूद टैक्सी चलाने की वजह पूछने पर विक्रम ने कहा कि रोज़ी रोटी भी कमानी है. हिसार से दिल्ली काम करने आए विक्रम का कहना है कि उन्हें रूम का किराया भी देना है, ये सब कहाँ से होगा. टैक्सी कंपनियां सवारी से ज़्यादा किराया तो ले रही हैं, लेकिन ड्राइवर को कुछ नही मिलता. विक्रम ने एक सवारी को ड्रॉप किया जिसे एक किलोमीटर के 111 रुपये का बिल भरना पड़ा.