Ola E-Scooter Booking Fraud: दिल्ली पुलिस ने ओला कंपनी के इलेक्ट्रिक स्कूटर के नाम पर देशभर में चल रहे ठगी के धंधे का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गैंग के 20 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. ये गैंग ओला की फर्जी वेबसाइट बना कर लोगों को अपने जाल में फंसाता था और फिर बुकिंग के बहाने थोड़े थोड़े कर हजारों रुपये वसूल लेता था. पुलिस का दावा है कि इस तरह से इस गैंग ने हजारों लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है. इस गिरोह ने देश के अलग-अलग राज्यों में अपने ठिकाने बनाए हुए थे. बता दें कि ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर की बुकिंग ऑनलाइन ही होती है, इसी का फायदा उठाते हुए ठगों के इस गैंग ने ओला के नाम से मिलती-जुलती ही एक फर्जी वेबसाइट बनाई और लोगों को ठगना शुरू कर दिया.
25 बैंक अकाउंट से 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की ट्रांजेक्शन
आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी देवेश माहला ने बताया कि जिले के साइबर सेल पुलिस थाने को शिकायत मिली कि ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर के नाम पर लोगों के साथ ठगी हो रही है. इस मामले में 1000 से अधिक पीड़ितों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है. पुलिस ने इस फर्जीवाड़े की जांच के सिलसिले में बैंगलुरु, गुरुग्राम और पटना में हुई छापेमारी में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 114 सिम कार्ड, 60 मोबाइल फोन, 7 लैपटॉप जब्त किए हैं. जांच के दौरान 25 बैंक अकाउंट की बात सामने आई, जिनकी जांच करने पर 5 करोड़ रुपये की ट्रांसजेक्शन का पता चला है.
ऐसे करते थे ठगी
पुलिस के अनुसार इस गिरोह के दो आरोपियों ने बेंगलुरु में रहकर ओला स्कूटी की एक फर्जी वेबसाइट डिजाइन की. ये नकली वेबसाइट बिल्कुल असली वेबसाइट की तरह ही तैयार की गई. इसके बाद इन लोगों ने अपनी फर्जी वेबसाइट को सर्च इंजन में रैंक भी करवाई, ताकि कोई भी ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर के सिलसिले में सर्च कर तो इनकी वेबसाइट ऊपर आए. ये गैंग उन लोगों को निशाना बनाता था, जो सर्च के दौरान इस वेबसाइट पर आते थे और ओला स्कूटी के बारे में इन्क्वॉयरी करते थे. जैसे ही कोई इस फर्जी वेबसाइट को खोलकर अपनी डिटेल डालता, तो बैंगलुरू में बैठे दोनों आरोपी उनकी डिटेल और उनके मोबाइल नंबर दूसरे राज्यों में बैठे अपने गैंग के साथियों के साथ शेयर कर देते थे. इसके बाद तेलंगाना और बिहार में बैठे गैंग के दूसरे सदस्य पीड़ितों को फोन करके ओला स्कूटर बुक करने के नाम पर 499 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहते थे. जब पीड़ित 499 रुपये ट्रांसफर कर देता था, तो फिर उससे स्कूटर के इंश्योरेंस, टैक्स और ट्रांस्पोर्टेशन चार्जेज के नाम पर लगभग 60 से 70 रुपये तक वसूल लिए जाते थे.
देश भर में फैला था गिरोह
आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी देवेश माहला ने बताया कि जिला साइबर क्राइम पुलिस ने भारत भर में ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर घोटाले का भंडाफोड़ किया है. दिल्ली पुलिस ने इस घोटाले की जांच के सिलसिले में बैंगलुरू, तेलंगाना, गुरुग्राम और पटना में छापेमारी करते हुए 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपियों को अलग अलग काम सौंप रखे थे या यूं कहें कि इस गैंग के अलग अलग मॉड्यूल थे और हर मॉड्यूल अपना अपना काम करता था. टारगेट पर होते थे भोले भाले लोग, जो इलेक्ट्रिक स्कूटर बुक कराने के नाम पर अपनी मेहनत की कमाई इन ठगों के चलते गवां देते थे.
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