राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के आह्वान पर कैब ड्राइवर हड़ताल पर गये हैं. महाराष्ट्र नवनिर्माण वाहतुक सेना के अध्यक्ष संजय नाइक ने कहा, ''ऐप के जरिए कैब मुहैया कराने वाली कंपनियों से बातचीत जारी है. हड़ताल (खत्म करने) को लेकर आज फैसला हो सकता है.'' नाइक ने कहा कि ओला और उबर के लिए कैब चलाने वाले ड्राइवरों की कम आमदनी के विरोध में हड़ताल बुलाई गई.
ओला-उबर ड्राइवरों की क्या है मांग?
एमएनएस (मनसे) नेता नाइक ने बताया कि इन कैब के ड्राइवर अपने गिरते कारोबार के कारण लागत भी नहीं वसूल पा रहे. ओला ऊबर ड्राइवरों का कहना है कि कंपनी ने वादा किया था कि प्रति महीने 1, 25000 का बिजनेस मिलेगा, लेकिन ड्राइवर घाटे में गाड़ी चला रहे हैं, ओला ऊबर ने खुद अपनी ही गाड़ियां लगा दी हैं जिससे वो पिक अप अपनी गाडियों को देते हैं और बाद में दूसरी गाड़ियों को, इसके साथ ही इनकी मांग है कि ब्लैकलिस्ट किए हुए ड्राइवरों को दोबारा काम पर रखा जाए. इन मांगो के चलते मुंबई में करीब एक लाख 10 हजार ओला उबर के रजिस्टर्ड ड्राइवर हैं जो हड़ताल पर है. करीब 45000 ओला ऊबर की गाडियां शहर में चलती है.
उबर ने क्या कुछ कहा?
उबर ने कहा कि कंपनी अपने ग्राहकों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है. कंपनी ने एक बयान में कहा, ''हम अपने ग्राहकों और ड्राइवर समुदाय से कुछ लोगों के समूह की ओर से पैदा की गई दिक्कत के लिए खेद प्रकट करते हैं. हम शहर की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं और सुनिश्चित करेंगे कि ड्राइवर साझेदारों को कमाई के स्थिर मौके मिलना जारी रहे और यात्रियों को शहर में सुविधाजनक विकल्प मुहैया कराते रहें.''
उबर ने बंबई हाईकोर्ट की ओर से यूनियनों, उनके नेताओं और अन्य पर उबर ड्राइवर साझेदारों की गतिविधियां बाधित करने पर लगाई रोक की तरफ इशारा किया. ओला के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को पुलिस की ओर से बताया गया कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं.
शहर की सबसे बड़े टैक्सी यूनियन मुंबई टैक्सीमेन यूनियन ने कहा कि वह हड़ताल का समर्थन नहीं कर रहा. यूनियन के महासचिव ए एल क्वाड्रोस ने कहा, ''हम हड़ताल का समर्थन नहीं कर रहे. ओला और उबर ने शरारती टैक्सी ड्राइवरों को रखा हुआ है और जब वे सड़कों पर नहीं थे तो यातायात सुचारू रूप से चल रहा था.''