ओल्ड मैसूर रीजन रिजल्ट 2018 : कर्नाटक चुनाव परिणाम को लेकर कुछ देर में तस्वीरें साफ होने लगेगी. चुनाव परिणाम में बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है. हालांकि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. रुझानों बीजेपी को मिली बढ़ते बाद बाजी पलट गई और सबसे ज्यादा सीटों के बाद भी बीजेपी सरकार बनाती नजर नहीं आ रही है. कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा किया है. कांग्रेस के इस प्रस्ताव को जेडीएस ने मंजूर कर लिया है.

हम आपको बता रहे हैं कर्नाटक के ओल्ड मैसूर क्षेत्र का हाल. ओल्ड मैसूर क्षेत्र में बीजेपी कमज़ोर रही है. यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और जेडीएस के बीच है. इस क्षेत्र में वोक्कालिगा समुदाय का दबदबा ज्यादा है. ओल्ड मैसूर क्षेत्र में 61 सीटें हैं.

ओल्ड मैसूर रीजन रिजल्ट 2018/ कर्नाटक विधानसभा रिजल्ट 


3:55 PM: 9 सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है, 17 सीटों पर कांग्रेस और 28 सीटों पर जेडीएस आगे चल रही है.

8:25 AM: शुरुआती रुझान में 6 सीटों पर जेडीएस और 14 सीटों पर कांग्रेस आगे.

वोक्कालिगा जेडीएस के ट्रेडिशनल वोटर्स रहे हैं इसलिए इस क्षेत्र में जेडीएस अच्छा प्रदर्शन करती है. इस क्षेत्र में कुल 10 जिले आते हैं. मंड्या, मैसूर, चिक्कबलापुर, चामराजनगर, हासन, टुमकुर, बेंगलुरु रूरल, रामनगरा, कोलार, कोडागु. वोक्कालिगा जेडीएस के साथ हैं यही कारण है कि कांग्रेस यहां अपने “AHINDA” (अल्पसंख्यक, हिन्दू (ओबीसी) और दलित) फॉर्मूला पर निर्भर है.


मंड्या और मैसूर में कॉवेरी का मुद्दा हमेशा गर्म रहा है. इसे लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन तक देखे गए हैं. यही कारण है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस मुद्दे पर चुप थी. कांग्रेस यहां जेडीएस पर बीजेपी की बी-टीम का आरोप लगाकर वोट अपने पाले में करने की कोशिश करती रही है. वहीं बीजेपी मानती है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता एस एम कृष्णा के बीजेपी के साथ आ जाने से उन्हें इसका फायदा पहुंचेगा. खासतौर पर वोक्कालिगा समुदाय से. वहीं जेडीएस भी यहां ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है.