Old Rajendra Nagar Accident: राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे का मुद्दा सोमवार (29 जुलाई 2024) को लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी उठा. यहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस हादसे का ठीकरा दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर फोड़ा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जिस गंभीरता और सतर्कता से उस पर नजर रखी चाहिए थी, वो भी नहीं हुआ. जो घटना हुई है, वो पीड़ादायक है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, एक सैलाब आया जो तीन बच्चों के जीवन को बहाकर ले गया. जिनकी आंखों में आंसू रहने चाहिए थे, उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आई. छात्रों ने कई बार शिकायत डाली थी, रिमाइंडर डाला गया, लेकिन इन पर कोई सुनवाई नहीं हुई. राज्य सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. इसी बीच में फायर डिपार्टमेंट एनओसी दे देता है. क्या फायर डिपार्टमेंट ने बिना इंस्पेक्शन के एनओसी दे दिया. ये लापरवाही नहीं, बल्कि एक आपराधिक कृत्य है. बच्चों के जीवन को खतरे में डाला गया."
'पहले पीने के पानी की किल्लत और अब ये...'
सुधांशु त्रिवेदी यहीं नहीं रुके. उन्होंने दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि यहां कुछ दिन पहले पीने के पानी की किल्लत थी. आज सीवर के पानी से जान हलकान है. नई राजनीति कितनी खतरनाक साबित हो रही है. उनकी तरफ से सिर्फ सियासी बयान हैं. लोगों की जान के प्रति लापरवाही का विषय किस सीमा तक है ये बताना चाहता हूं. दिल्ली की सरकार इस विषय में कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही है. बेसमेंट में काम करने की परमिशन किस डिपार्टमेंट ने दी... शिकायत हुई तो क्या कार्रवाई हुई... इस बारे में जानकारी मिलनी चाहिए.
'दिल्ली सरकार के संस्थान लगातार करप्शन के घेरे में'
दिल्ली सरकार के संस्थानों पर लगातार करप्शन के आरोप लगते आ रहे हैं, ये संस्थान घाटे में चल रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. इन चीजों के ऊपर कार्रवाई नहीं करते हुए आखिर सरकार किन चीजों पर कार्रवाई कर रही है. क्या विभाग के मंत्री ने जनता के सामने तथ्यात्मक आंकड़ा रखा है. उन्होंने सिर्फ बयानबाजी की है. इस विषय पर कितना खर्च किया है, सीवर की सफाई में कितना खर्च हुआ.. यह सब आप सरकार को बताना होगा.
ये भी पढ़ें