मुंबई: मुंबई की वर्सोवा बीच पर 20 साल में पहली बार ऑलिव रिडली कछुए देखा गया है. इससे इस बात की पुष्टि हो गई है कि अब वर्सोवा बीच इस कछुए के बच्चे देने का स्थान बन गया है. ये कछुआ लुप्तप्राय प्रजातियों में आता है और इनकी संख्या बेहद कम है. शुक्रवार को महाराष्ट्र वन विभाग ने ये कनफर्म कर दिया है कि वर्सोवा बीच वो स्थान बन गया है जहां पर ऑलिव रिडली समुद्री कछुए ठहरते हैं और अपने बच्चे को जन्म देते हैं.


दरअसल गुरूवार को बीच पर सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले लोग और सफाईकर्मियों ने कछुए के 80 छोटे-छोटे बच्चों को देखा. इसके बाद कई पर्यावरणविदों नें ये सवाल उठाया कि क्या वाकई ऐसा हुआ है. हालांकि कुछ देर बाद सरकार ने इसका स्पष्टीकरण दिया.



वन विभाग अधिकारी एन वासुदेवन ने कहा, "इसमें शंका की कोई बात नहीं है. अब ये कनफर्म हो चुका है कि वर्सोवा बीच टर्टल नेस्टिंग साइट बन चुका है. हमने जमीन से कछुओं के कई अंडे निकाले हैं. यह वाकई एक प्रेरणादायक खोज है."


सबसे पहले गुरूवार को बीच की सफाई करते हुए कुछ लोगों को कछुए के अंडे दिखाई दिए थे. लेकिन शहर के कुछ पर्यावरणविदों ने इस पर संशय जाहिर किया और राज्य सरकार से इस बात की पुष्टि करने की मांग की. इसके बाद राज्य के मैंग्रोव सेल ने उस जगह पर खुदाई करवाई तो वहां कछुए के कई अंडे मिले. कुछ अंडे फूट गए थे लेकिन कुछ सही सलामत स्थिति में थे.


बता दें कि ऑलिव रिडली कछुए समुद्री कछुए हैं जो कि गर्मी के महीने में दिखाई देते हैं. ये कछुए इंडियन और प्रशांत महासागर में पाए जाते हैं. ये कछुए लुप्तप्राय प्रजातियों में आते हैं. इनकी संख्या बेहद कम है. ये कछुए समुद्र में हजारों किलोमीटर चलते हैं और कम से कम दो साल में अंडे देते हैं.