Olympics 2021: वेटलिफ्टिंग में पदक की एकमात्र उम्मीद हैं मीराबाई चानू, संघर्षों से भरा रहा शुरुआती जीवन
मीराबाई चानू के पिता, सैखोम कृति मीटी और माता, टॉम्बी लीमा ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए शुरुआत में बहुत संघर्ष किया.
मणिपुर: टोक्यो ओलिंपिक 2020 में मीराबाई चानू भारत की तरफ से वेटलिफ्टिंग में अकेली प्रतिभागी होंगी. चानू 49 kg वर्ग में भाग लेंगी और इस वर्ग के क्लीन एंड जर्क केटेगरी में वो वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम रखती है. मणिपुर की यह भारोत्तोलक इस बार निश्चित रूप से नया अध्याय लिखना चाहेंगी जिसमें पदक शामिल हो. मीराबाई चानू के पिता, सैखोम कृति मीटी और माता, टॉम्बी लीमा ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए शुरुआत में बहुत संघर्ष किया.
उनके माता-पिता ने बताया की "मीराबाई ने एक खिलाड़ी बनने के लिए दृढ़ संकल्प किया था, बावजूद इसके कि परिवार ने कितनी कठिनाइयों का सामना किया. मीराबाई की मां के लिए शुरुआत में अपनी बेटी की आहार संबंधी जरूरतों को पूरा करना एक बड़ी चुनौती थी. मीराबाई के बड़े भाई ने भी यही कहानी साझा की." वही भाई, बिनोद का कहना हैं की "मेरी बहन अभी टोक्यो ओलिंपिक में गयी हुई हैं और मैं दुआ करता हूँ की वो सही सलामत और गोल्ड मेडल लेकर वापस भारत आये."
दो दिन पहले हुई थी बेटी से बात
मीराबाई ने आखिरी बार दो दिन पहले अपने परिवार से फोन पर बात की थी. मीराबाई ने अपनी आखिरी बातचीत में अपनी मां से कहा कि जापान में वहां गहन तैयारी के कारण उन्हें अपने परिवार से बात करने का समय नहीं मिल पा रहा है. हालांकि, वे कल रात तक व्हाट्सएप के जरिए चैट करते रहे. मीराबाई चानू के सिर्फ टोक्यो 2020 में प्रतिस्पर्धा करने की उम्मीद नहीं है; उसके पोडियम पर समाप्त होने की उम्मीद है. रियो 2016 के अनुभव से समझदार, उसके पास एक उज्ज्वल मौका है.
24 जुलाई को हैं मुकाबला
2017 वर्ल्ड चैंपियनशिप और एक साल बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने बता दिया था कि अभी उनमें ओलिंपिक में दम दिखाने की ताकत है. हालांकि, मीराबाई चानू को चोट से भी जूझना पड़ा है. पीठ की परेशानी के वजह से साल 2018 उनके लिए कुछ खास नहीं रहा. मगर टोक्यो ओलिंपिक से पहले उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में 119 किग्रा का वजन उठाकर अपनी दम का प्रदर्श दिखा दिया है. पदक की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रहीं मीराबाई 24 जुलाई को वेटलिफ्टिंग एरेना में उतरेंगी.
परिवार के सभी लोग और खासकर मीराबाई के माता-पिता अपनी बेटी की सफलता के लिए दुआ कर रहे हैं. वे सभी 24 जुलाई को टीवी पर मीराबाई का नाटक देख रहे होंगे. उन्होंने आशा और विश्वास व्यक्त किया कि भारोत्तोलक अच्छा प्रदर्शन करेगा.
मीराबाई चानू पहले भी जीत चुकी हैं कई मेडल
मीराबाई चानू अब तक देश के लिए कई मेडल जीत चुकी हैं. साल 2014 में ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. टोक्यो ओलिंपिक में भी उनकी निगाह गोल्ड मेडल जीतने पर होगी. वह अमेरिका से 50 दिन की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सीधे टोक्यो पहुंची हैं.